नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी हालिया पांच दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान जब G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने कनाडा पहुंचे, तो वे केवल राजनीतिक वार्ता ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का संदेश भी साथ लेकर गए। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कनाडा की दो शीर्ष हस्तियों को बेहद खास और प्रतीकात्मक उपहार भेंट किए, जो भारतीय कारीगरी और आध्यात्मिकता का बेहतरीन उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी साइमन को भारत की पारंपरिक कला ‘तारकासी’ से बना एक सिल्वर फिलीग्री वर्क क्लच पर्स भेंट किया। यह बारीक चांदी के तारों से बना हुआ पर्स ओडिशा के कटक की प्रसिद्ध हस्तकला का अद्भुत उदाहरण है।करीब 500 साल पुरानी यह शिल्पकला पूरी तरह से हस्तनिर्मित होती है, जिसमें महीन चांदी की तारों को लेस जैसे डिजाइनों में बुना जाता है। यह डिजाइनें प्राचीन मुगल कला और मंदिर वास्तुकला से प्रेरित होती हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को पीएम मोदी ने बिहार के बोधगया से प्रेरित एक पीतल का बोधि वृक्ष उपहार में दिया। यह मूर्ति न केवल अद्वितीय कारीगरी का प्रतीक है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती है।इस बोधि वृक्ष को हस्तनिर्मित पीतल से तैयार किया गया है, जो उस पवित्र वृक्ष का प्रतीक है जिसके नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसकी घनी शाखाएं और चमकदार फिनिश भारतीय शिल्पकारों की निपुणता और सांस्कृतिक समर्पण को दर्शाती हैं।बौद्ध धर्म में बोधिवृक्ष ज्ञान, आत्मिक जागरूकता और शांति का प्रतीक माना जाता है, और यह उपहार भारत के शांति संदेश को भी दर्शाता है।प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इन सांस्कृतिक उपहारों के जरिए भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी लोककला, आध्यात्मिकता और शिल्पकला की समृद्ध परंपरा को प्रस्तुत किया है। यह न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि “मेड इन इंडिया” की भावनात्मक और सांस्कृतिक अहमियत को भी वैश्विक स्तर पर स्थापित करता है।