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G-20 समिट में चीन, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों से PM मोदी की मुलाकात, बोले- ग्लोबल साउथ की आवाज बुलंद हो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरियो में आयोजित दो दिवसीय G20 समिट में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने इस दौरान ग्लोबल साउथ की चुनौतियों को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया.

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पीएम मोदी ने G20 समिट को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक संघर्षों की वजह से भोजन, ईंधन और उर्वरक संकट खड़ा हो गया है, जिससे ग्लोबल साउथ के देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने G20 समिट के पहले दिन अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि दुनिया में कई मोर्चों पर लड़ी जा रही जंगों से भोजन, ईंधन और उर्वरक संकट की वजह से ग्लोबल साउथ के देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस वजह से हमें ग्लोबल साउथ के देशों की चुनौतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं. इसलिए हमारी चर्चा तभी सफल हो सकती है जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे और जिस तरह हमने अफ्रीकी संघ को G-20 की स्थाई सदस्यता देकर ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद की, उसी तरह हम वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार करेंगे.

इस दौरान पीएम मोदी ने जी20 समिट के इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात कर अंतरिक्ष, ऊर्जा और एआई जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने पोस्ट कर कहा कि मेरे दोस्त इमैनुअल मैक्रों से मिलना हमेशा अच्छा लगता है.

पीएम मोदी ने जी20 समिट से इतर इटली, इंडोनेशिया, नॉर्वे और पुर्तगाल सहित कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की और संबधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात कर रक्षा, व्यापार और तकनीक पर चर्चा की. मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जी20 समिट से इतर इटली की समकक्ष मेलोनी से मिलकर खुशी हुई. हमारे बीच रक्षा, तकनीक और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई. हमने संस्कृति, शिक्षा और अन्य सेक्टर्स में सहयोग बढ़ाने पर बात की.

बता दें कि पीएम मोदी नाइजीरिया के दो दिनों के दौरे के बाद रविवार को ब्राजील पहुंचे थे. ह पीएम मोदी की तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा का दूसरा पड़ाव है.

क्या है ग्लोबल साउथ?

– आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर दुनिया को दो हिस्सों में बांटा गया है. एक है- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ.

– ग्लोबल नॉर्थ में अमेरिका, जापान, कोरिया, यूरोपीय देश जैसे दुनिया के विकसित और समृद्ध देश शामिल हैं.

– जबकि, ग्लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित या विकासशील देश हैं. इसमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया के देश हैं.

ग्लोबल साउथ में कितने देश हैं?

– ग्लोबल साउथ में लगभग 100 देश आते हैं. इस साल 12-13 जनवरी को भारत ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ नाम से वर्चुअल समिट आयोजित की थी.

– इस समिट में सौ से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. ये पहली बार था जब इतने बड़े पैमाने पर ग्लोबल साउथ देशों का सम्मेलन हुआ था.

– भारत के पास इस समय जी-20 का अध्यक्ष भी है. ये पहली बार है जब भारत के पास जी-20 की अध्यक्षता आई है. जी-20 में भारत ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठाने की कोशिश करेगा.

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