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जीवन का सबसे कष्टदायक पल क्या था? PM मोदी बोले- जब अमेरिका ने वीजा कैंसिल किया तो एक संकल्प लिया था

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अमेरिका द्वारा वीजा देने से इनकार करने के मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें वीजा देने से इनकार करने का फैसला कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई ‘झूठ’ के आधार पर लिया था और यह बात उन्हें नागवार गुजरी थी, क्योंकि यह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और पूरे देश का अपमान था.

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निखिल कामथ ने पीएम मोदी से पूछा था कि उन्हें अपने जीवन में सबसे ज्यादा कष्ट कब हुआ था? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘आपने पूछा कि मेरे लिए सबसे ज्यादा कष्ट वाला पल क्या था तो वह यही था, जब अमेरिका ने मेरा वीजा कैंसिल कर दिया. एक निजी व्यक्ति के रूप में अमेरिका का दौरा करना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं था. लेकिन मैं मुख्यमंत्री था, लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का नेतृत्व कर रहा था और यह (अमेरिका द्वारा वीजा देने से इनकार करना) लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और देश का अपमान था. इसने मुझे परेशान किया. कुछ लोगों ने झूठ फैलाया था. लेकिन जब मैंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया तो मैंने एक संकल्प लिया था…मैंने कहा था कि मैं एक ऐसे दिन की कल्पना कर रहा हूं जब लोग भारतीय वीजा के लिए कतार में खड़े होंगे.’

आज भारत का समय है: PM मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘वह मेरी जिंदगी का मुश्किल वक्त था और मुझे झटका लगा था. फिर बहुत कुछ सुधर गया, लेकिन मैंने अपना संकल्प हमेशा बनाए रखा. मैंने यह बात 2005 में कही थी… क्योंकि मैं स्पष्ट रूप से देख सकता था कि भारत का समय आने वाला है. आज हम 2025 में खड़े हैं. अब समय भारत का है. आज मुझे खुशी होती है, जब दूसरे देशों में जाता हूं और लोगों के मन में भारत की अलग छवि देखता हूं. यह देखता हूं कि वे भी भारत आना चाहते हैं. अपने लिए भारत में कारोबार और अन्य अवसर देखते हैं.’ उन्होंने कहा कि मैं हमेशा भविष्य की सोचते हुए काम करता हूं.

साल 2002 के फरवरी महीने में सैकड़ों कारसेवक अयोध्या से साबरमती एक्सप्रेस में बैठकर गुजरात लौट रहे थे. जब ट्रेन 27 फरवरी को गोधरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो, इसके कोच नंबर एस-6 में आग लगा दी गई. इस घटना में 59 कारसेवकों की जलकर मौत हो गई. इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए. अमेरिका ने सांप्रदायिक दंगों को रोकने का कोई प्रयास नहीं करने के आरोपों के आधार पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, 2002 के गुजरात दंगों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच में नरेंद्र मोदी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. वह 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने तो अमेरिका ने उनका वीजा रिन्यू कर दिया.

PM मोदी ने याद किया गोधरा कांड

पीएम मोदी ने निखिल कामथ के पॉडकास्ट में साबरमती एक्सप्रेस आगजनी कांड पर भी बात की. पीएम मोदी ने कहा, ’24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी को मैं विधानसभा गया. मैं तीन दिन पुराना विधायक था, जब गोधरा में ऐसी घटना घटी. हमें सबसे पहले ट्रेन में आग लगने की खबर मिली, फिर धीरे-धीरे हमें हताहतों की खबरें मिलने लगीं. मैं सदन में था और मैं चिंतित था. जैसे ही मैं बाहर आया, मैंने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं. वहां केवल एक हेलीकॉप्टर था. मुझे लगता है कि यह ओएनजीसी का था, लेकिन उन्होंने कहा कि चूंकि यह सिंगल इंजन वाला हेलीकॉप्टर है, इसलिए वे इसमें किसी वीआईपी को जाने की इजाजत नहीं दे सकते. हमने बहस की और मैंने कहा कि जो कुछ भी होगा उसके लिए मैं जिम्मेदार रहूंगा. मैं इसे लिख कर दे दूंगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं गोधरा पहुंचा… यह एक दर्दनाक दृश्य था. हर जगह लाशें थीं, लेकिन मुझे पता था कि मैं ऐसे पद पर हूं जहां मुझे अपनी भावनाओं से ऊपर उठना होगा. मैंने खुद को कंट्रोल करने के लिए जो कुछ भी कर सकता था, किया.’ पीएम मोदी ने पॉडकास्ट के दौरान कहा कि मनुष्य से गलतियां हो सकती हैं, लेकिन इरादतन यह नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘जब मैं सीएम बना, तो अपने एक भाषण में मैंने कहा था कि मैं अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा. दूसरा, मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा. तीसरा, मैं एक इंसान हूं, मुझसे गलतियां हो सकती हैं, लेकिन मैं गलत इरादे से गलतियां नहीं करूंगा. मैंने उन्हें अपने जीवन का मंत्र बना लिया. गलतियां होना स्वाभाविक है, आखिर मैं भी एक इंसान हूं, मैं भगवान नहीं हूं. लेकिन जानबूझकर गलत नहीं करूंगा.’

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