प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 121वीं एपिसोड में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के साइंस सेंटर का जिक्र किया। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि, आज भारत के युवा तेजी से साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
जो इलाके कभी पिछड़ेपन और हिंसा के लिए पहचाने जाते थे। अब नवाचार के केंद्र बन रहे हैं। जहां कभी हिंसा और अशांति का साया था। आज वहां बच्चे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम हमले पर भी कहा कि, देश के लोगों का खून खौल रहा है। पीड़ित परिजनों को न्याय जरूर मिलेगा।
दंतेवाड़ा विज्ञान केन्द्र ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, दंतेवाड़ा का विज्ञान केन्द्र आज पूरे देश का ध्यान आकर्षित कर रहा है। जहां बच्चों को थ्री-डी प्रिंटर, रोबोटिक कार जैसी मॉडर्न तकनीकों के बारे में बताया जाता है।
वैज्ञानिक चेतना और नवाचार का केंद्र बन रहा विज्ञान केन्द्र- साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सुनने के बाद कहा कि, दंतेवाड़ा का विज्ञान केन्द्र अब वैज्ञानिक चेतना और नवाचार का केंद्र बन रहा है, जो विशेषकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को विज्ञान, तकनीक और नवाचार की दुनिया से जोड़ने का मोटिवेशनल माध्यम बन गया है।
प्रधानमंत्री की यह सराहना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक उत्साह वर्धक संकेत है। प्रधानमंत्री मोदी हर महीने के अंतिम रविवार को ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों से संवाद करते हैं। देश भर में हो रहे सकारात्मक प्रयासों को साझा कर एक प्रेरक वातावरण तैयार करते हैं।
पीएम की यह प्रशंसा छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय
मुख्यमंत्री ने कहा कि, पीएम की यह प्रशंसा छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्र, जो कभी हिंसा के लिए जाने जाते थे। आज विज्ञान और नवाचार के प्रतीक बन रहे हैं। इससे बच्चों और युवाओं को विज्ञान-तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलेगी।
दंतेवाड़ा जिले के युवा और बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने करने और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से यहां विज्ञान केंद्र बनाया गया है। यह विज्ञान केंद्र जिले के सुदूर अंचलों से आने वाले बच्चों के लिए अवसर है।
विज्ञान केंद्र में हैं यह मशीनें
विज्ञान केंद्र में रखे गए इंटरएक्टिव मॉडल, डिजिटल डिस्प्ले और प्रयोगशालाएं बच्चों को विज्ञान को केवल पाठ्य-पुस्तकों तक सीमित न रखकर, उसे जीवंत रूप में समझाने का मौका देती हैं।
साइंटिफिक थीम पर आधारित कक्ष जैसे इंडस्ट्री रूम, फिजिक्स रूम, इमर्सिव रूम, मिनी वर्ल्ड रूम शामिल है। इसके अलावा न्यूटन के उद्गम स्थल चुंबकीय उत्तोलन, वान डी ग्राफ जनरेटर, तारा मंडल, लेंज कानून, बैलिस्टिक पेंडुलम, टेस्ला कॉईल, प्लाज्मा बॉल, प्रकाशकिय गति और व्हिम्स हर्स्ट मशीन को स्टूडेंट देखते हैं।
22 भाषाओं में ब्रॉडकास्ट होता है मन की बात कार्यक्रम
मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं।
मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था।