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संयुक्त राष्ट्र महासभा में होगा पीएम मोदी का संबोधन, सामने आई तारीख

संयुक्त राष्ट्र की 79वीं जनरल असेंबली (UNGA) की बैठक 21 सितंबर को शुरू होने जा रही है. जिसमें संयुक्त राष्ट्र सैकड़ों विश्व नेताओं, पॉलिसी मेकर, एक्सपर्ट और एडवोकेट्स की मेजबानी करेगा. UNGA की हाई लेवल डिबेट का पहला दिन 24 सितंबर रखा गया है. ब्राजील इस चर्चा में परंपरागत रूप से पहला वक्ता है और उसी के संबोधन से सत्र की शुरुआत होगी. उसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी की गई वक्ताओं की सूची के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को 26 सितंबर को संबोधित कर सकते हैं. 21 सितंबर से शुरू होने जा रहे सत्र में उच्च स्तरीय आम बहस 24 से 30 सितंबर तक होगी. बहस से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. जिसके बाद बहस शुरू की जाएगी. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 में सभा को संबोधित किया था.

हालांकि, यह आखिरी सूची नहीं है, संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय सत्र से पहले वक्ताओं की अंतिम सूची जारी करता है, ताकि नेताओं, मंत्रियों और राजदूतों की उपस्थिति, प्रोग्राम और उनके बोलने के समय में हुए हर तरह के बदलाव की जानकारी दी जा सके.

बहस पहले होगा समिट फॉर फ्यूचर

UN महासचिव गुटेरेस इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र ऑफिस में खास समिट फॉर फ्यूचर भी आयोजित कर रहे हैं, जिसमें 20-21 सितंबर को कार्यवाही दिवस और 22-23 सितंबर को शिखर सम्मेलन होना है.

सम्मेलन में दुनिया भर के नेता भविष्य से जुड़े समझौते के लिए एक मंच पर नजर आएंगे जिसमें एक वैश्विक डिजिटल समझौता और भविष्य की पीढ़ियों संबंधी ऐलान शामिल होंगे.

संयुक्त राष्ट्र ने सम्मेलन को लेकर कहा, “यह शिखर सम्मेलन हाई लेवल प्रोग्राम है, जो दुनियाभर के नेताओं को एक साथ लाकर इस बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति बनाने का काम करेगा कि हम कैसे वर्तमान को बेहतर कर सकते हैं और भविष्य की सुरक्षा कर सकते हैं.”

क्लाइमेट वीक का आयोजन

सम्मेलन में क्लाइमेट वीक NYC का भी आयोजन किया जाएगा. क्लाइमेट वीक NYC अपनी तरह के सबसे बड़े सालाना होने वाला जलवायु कार्यक्रम में से एक है, जिसमें न्यूयॉर्क शहर में 600 से अधिक कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. व्यक्तिगत, हाइब्रिड और ऑनलाइन हर उम्र के, हर वर्ग के लोग समाज में बदलाव लाने के लिए इसमें इकट्ठा होते हैं.

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