2 दिन के मालदीव दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, रिश्तों में होगी नई शुरुआत, स्वतंत्रता समारोह में बनेंगे मुख्य अतिथि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. यह दौरा मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जूके औपचारिक निमंत्रण पर हो रहा है. राष्ट्रपति मुइज्जूके कार्यकाल में किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली आधिकारिक यात्रा होगी.

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मोदी 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर जाएंगे. पीएम को चीफ गेस्ट के रूप में बुलाना यह संकेत देता है कि दोनों देश हाल के तनावों के बावजूद रिश्तों को बेहतर की ओर ले जाना चाहते हैं.

मालदीव और भारत के बीच चल रहा था तनाव

बता दें कि यह वहीं मालदीव, जो कुछ महीने पहले तक भारत को चुनौती दे रहा था. राष्ट्रपति मुइज्जूके सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तनाव खुलकर सामने आया था. मालदीव की नई सरकार ने भारतीय सैन्यकर्मियों की उपस्थिति को सार्वभौमिकता का उल्लंघन बताया था और 2024 की शुरुआत में भारत से उनकी संपूर्ण वापसी की मांग की थी.

चला था ‘India Out अभियान’

इस विवाद के बाद बाद सरकारी और सोशल मीडिया स्तर पर भी ‘India Out’ अभियान देखने को मिला था. भारत ने इस पर कड़ा रुख अपनाया और मालदीव का विकल्प तलाशते हुए लक्षद्वीप द्वीप समूह को पर्यटक केंद्र के तौर पर तेजी से प्रमोट करना शुरू कर दिया था. जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की और वहां स्नॉर्केलिंग करते हुए तस्वीरें साझा कीं थी. उन्होंने इसे प्राकृतिक सौंदर्य और संभावनाओं से भरपूर समुद्री गंतव्य बताया जिसे मालदीव के लिए एक कड़ा संकेत माना गया था.

अब रिश्तों में रीकनेक्ट का संकेत?

हालांकि, अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति मुइज्जूने भारत की यात्रा की थी और उसी समय दोनों देशों ने एक ‘India-Maldives Joint Vision for Comprehensive Economic and Maritime Security Partnership’ दस्तावेज़ पर सहमति जताई थी. अब प्रधानमंत्री मोदी की जवाबी यात्रा इस बात का संकेत देती है कि दोनों देश रिश्तों को पटरी पर लाने को तैयार हैं, वह भी एक नए संतुलन और स्पष्टताओं के साथ.

यात्रा का एजेंडा: रणनीति और भरोसे की बहाली

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जूइस दौरे के दौरान संयुक्त विजन डॉक्यूमेंट में दर्ज प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा करेंगे. साथ ही समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी, बुनियादी ढांचा निर्माण, और जलवायु अनुकूल विकास जैसे विषयों पर बात भी होगी. भारतीय सहायता से चल रहे प्रोजेक्ट्स जैसे ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट और राजधानी में आवास योजनाएं की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी.

भारत की ‘Neighbourhood First’ और Vision MAHASAGAR नीति का हिस्सा

भारत लंबे समय से मालदीव को अपनी Neighbourhood First नीति और ‘विजन महासागर’ (Vision MAHASAGAR) के तहत एक रणनीतिक समुद्री पड़ोसी मानता है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ को देखते हुए, मालदीव का समर्थन भारत के लिए सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि समुद्री सुरक्षा से भी जुड़ा मसला है.

60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ: कूटनीति का भावनात्मक मंच

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा करने का यह समय भी महत्वपूर्ण है. वे मालदीव की 60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ के समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. यह केवल एक औपचारिक आमंत्रण नहीं बल्कि संकेत है कि मालदीव अब द्विपक्षीय संबंधों में गर्मजोशी वापस लाना चाहता है.

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