PM मोदी देंगे डिनर, मंत्री-सांसदों को जिम्मेदारी… उपराष्ट्रपति चुनाव में 100% मतदान के लिए NDA का खास प्लान 

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के कारण रिक्त हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को वोट डाले जाने हैं. सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, विपक्षी इंडिया ब्लॉक से सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए एनडीए ने खास रणनीति बनाई है.

सत्ताधारी गठबंधन की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सभी सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए मौजूद रहने को कहा है. गठबंधन सहयोगियों से भी यह कहा गया है कि वह अपने सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करें. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदन मिलाकर एनडीए का संख्याबल 425 है. उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए सदस्य सौ फीसदी मतदान करें, इसके लिए सत्तापक्ष ने कमर कस ली है.

हर राज्य में एक मंत्री और एक सांसद तैनात किए जाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित राज्य के सभी सांसद 9 सितंबर को दिल्ली में रहें और उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डालें. उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान कैसे करना है, इसे लेकर 6 से 8 सितंबर तक एनडीए सांसदों को वर्कशॉप के जरिये जानकारी दी जाएगी. उपराष्ट्रपति चुनाव की पूर्व संध्या पर 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए के सभी सांसदों के लिए डिनर आयोजित करेंगे.

इसके अलावा 8 सितंबर को ही दिल्ली में कई संसदीय समितियों की बैठक भी रखी गई है, ताकि संबंधित सांसद मौजूद रहें. ग़ौरतलब है कि संसदीय समितियों की बैठकों के लिए सांसदों को टीए-डीए मिलता है. सांसद अगर हवाई मार्ग से दिल्ली आते हैं, तो उसके लिए किराया का भुगतान भी किया जाता है. वहीं, वर्कशॉप में सांसदों को वोट डालने की ट्रेनिंग दी जाएगी. उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है और व्हिप लागू नहीं होता. इससे क्रॉस वोटिंग का भी खतरा रहता है.

एनडीए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसके सभी सांसदों का वोट सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में पड़े ही, एक भी वोट निरस्त होने की स्थिति ना बने. इसके लिए ही सांसदों को ट्रेनिंग दी जानी है. सांसदों को यह बताया जाएगा कि कैसे उन्हें अपना पेन नहीं ले जाना है और चुनाव अधिकारी जो पेन दें, उसी से उनको मत पत्र पर अपनी पसंद लिखना है. इसके अलावा यह जानकारी भी दी जाएगी कि मत पत्र को कैसे मोड़ना है, जिससे स्याही इधर-उधर न लगे और वोट निरस्त होने की नौबत न आए.

एनडीए की कोशिश है कि उसके उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को बड़े अंतर से जीत मिले. नंबर गेम की बात करें तो एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदन मिलाकर 425 वोट हैं. जीत सुनिश्चित करने के लिए 392 वोट चाहिए और एनडीए के पास जरूरी नंबर से 33 वोट ज्यादा हैं. वाईएसआरसीपी के लोकसभा में चार और राज्यसभा में सात सदस्य हैं. वाईएसआरसीपी ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने का ऐलान पहले ही कर दिया है.एनडीए को बीजू जनता दल (बीजेडी) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के समर्थन की भी उम्मीद है.

राज्यसभा में बीजेडी के सात और बीआरएस के चार सांसद हैं. पीएम मोदी ने खुद बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक को फोन कर बात भी की थी. हालांकि, बीजेडी का कहना है कि समर्थन को लेकर फैसला ऐन वक्त पर किया जाएगा. बीआरएस से इंडिया गठबंधन ने भी तेलुगु उम्मीदवार के नाम पर समर्थन मांगा है. कुल मिलाकर देखें तो एनडीए के पास करीब 55 फीसदी सदस्यों का समर्थन है, जिसे 60 फीसदी से ज्यादा के स्तर पर ले जाने की कोशिश में सत्ताधारी गठबंधन जुटा हुआ है.

बता दें कि पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ को करीब 74.4 फीसदी वोट मिले थे. यह उपराष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में किसी उम्मीदवार को मिले वोट का सबसे बड़ा आंकड़ा है. तब जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोट से संतोष करना पड़ा था. हालांकि, एनडीए के लिए जगदीप धनखड़ की ऐतिहासिक जीत का इतिहास दोहरा पाना मुश्किल माना जा रहा है. विपक्ष की स्थिति पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले बहुत बेहतर नजर आ रही है.

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