सीमांचल के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 110 किलोमीटर लंबे गलगलिया-ठाकुरगंज-अररिया नए रेलखंड का उद्घाटन करेंगे. अररिया-गलगलिया रेल लाइन बिहार और पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाली एक अहम रेल लाइन है. यह रेल लाइन सफर करने और व्यापारिक हिसाब से भी काफी अहम है.
इस नई रेल लाइन के लिए सीमांचल के मुसलमानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है. आजादी के बाद पहली बार इस इलाके में ट्रेन आई है. पौआखाली स्टेशन पर अनवर, कुर्बान, शमसूल घूमने आए हैं. खास बातचीत में अनवर ने कहा कि हमने जो बात सपने में भी नहीं सोची थी वो पूरी हुई है. हम मोदी जी का धन्यवाद करते हैं. कुर्बान ने कहा कि बहुत लोग प्रधानमंत्री के बारे में कई तरह की बातें करते हैं लेकिन वो सिर्फ विकास का काम करते हैं. शमसूल ने कहा कि हमने कभी कल्पना नहीं की थी कि अररिया के रास्ते किशनगंज तक हम रेल मार्ग के माध्यम से जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसके बनने से माल ढुलाई से लेकर तमाम चीजों में सुविधा होगी.
रेल लाइन हुई तैयार
अररिया-गलगलिया रेल लाइन बिहार और पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाली एक नई 110.75 किलोमीटर लंबी ब्रॉड-गेज रेल लाइन बनकर तैयार हो गई है. इसे हाल ही में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) से मंजूरी मिली है और सफल ट्रायल रन पूरा हो चुका है. नवनिर्मित लाइन पर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से परिचालन के लिए अधिकृत किया गया है.
कितना अहम है यह प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट से पूर्वोत्तर बिहार को उत्तर बंगाल और पूरे पूर्वोत्तर भारत से जोड़ना काफी अहम है. यह अररिया और किशनगंज के गलगलिया के बीच की दूरी को कम करती है, जिससे लोगों को किशनगंज जाकर ट्रेन पकड़ने की परेशानी नहीं होगी. इस लाइन पर कुल 11 रेलवे स्टेशन और एक हॉल्ट बनाया गया है, साथ ही 64 बड़े और 264 छोटे पुल भी शामिल हैं.
यह परियोजना भारत-नेपाल सीमा रोड और एनएच 327ई को जोड़ती है, जो देश की सुरक्षा के लिए भी अहम है. इसके साथ ही चिकन नेक पर निर्भरता पूरी तरीके से खत्म हो जाएगी. अभी नॉर्थ ईस्ट को जोड़ने के लिए बिहार के कटिहार किशनगंज से सीधे ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी जाती है. इस नए ट्रैक के बनने से कटिहार से एक वैकल्पिक रास्ता बन गया जो पूर्णिया-अररिया होते हुए गलगलिया होते हुए न्यू जलपाईगुड़ी को कनेक्ट कर रही है.
रूट के स्टेशन
इस मार्ग पर यात्री और मालगाड़ी दोनों का परिचालन शुरू होगा. इस रूट के स्टेशन, ठाकुरगंज, भोगडावर, कादोगांव, पौआखाली, तुलसिया, बीबीगंज, ठेढागाछ, कालियागंज, बर्दाहा, लक्ष्मीपुर खवासपुर, रहमतपुर ,अररिया कोर्ट (Y LEG पूर्णियां कटिहार की ओर) अररिया (Y LEG फारबिसगंज की ओर) है.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस रेल मार्ग के शुरू होने से न सिर्फ अररिया और किशनगंज जिलों को फायदा मिलेगा, बल्कि यह पश्चिम बंगाल और नेपाल के लिए भी फायदेमंद होगा. व्यापारिक हिसाब से यह क्षेत्र पहले से ही एक महत्वपूर्ण केंद्र है और रेलवे संपर्क के जुड़ने से व्यापार में और अधिक बढ़ोतरी होगी.