विदेश गए डेलिगेशन से मिलेंगे PM मोदी, ऑपरेशन सिंदूर पर दुनियाभर में हुई बातचीत पर लेंगे फीडबैक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही विदेशों का दौरा कर लौटने वाले प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात करेंगे. यह बैठक 9 या 10 जून के आसपास होने की संभावना है. इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल अपने-अपने विदेश दौरों की जानकारी और अनुभव प्रधानमंत्री को ब्रीफ करेंगे. इन प्रतिनिधिमंडलों ने दुनिया भर के कई देशों का दौरा किया है और “ऑपरेशन सिंदूर” पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात बड़े प्रतिनिधिमंडल विदेशों में गए थे, जिनका मुख्य उद्देश्य विश्व समुदाय के सामने भारत की स्थिति स्पष्ट करना था.

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भारतीय प्रतिनिधियों ने विभिन्न देशों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की और भारत के दृष्टिकोण को प्रभावशाली ढंग से पेश किया. प्रधानमंत्री मोदी को इन विदेश दौरों के दौरान हुई बातचीत और प्रयासों की पूरी जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने इन प्रतिनिधिमंडलों के अनुभवों से अवगत होकर आगे की रणनीति तय करेंगे.

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर नामक एक बड़ा कूटनीतिक अभियान शुरू किया था. इसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ दुनियाभर में सहमति बनाना और विशेष रूप से पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना था. इसके तहत सात सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल दुनिया के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर भारत के पक्ष को दुनिया के सामने रख रहे थे.

प्रतिनिधिमंडल लगभग 33 देशों में, जैसे कि अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और पूर्वी एशिया जैसे देशों का दौरा किया. प्रमुख दलों में शशि थरूर (कांग्रेस) ने अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा किया.

रवि शंकर प्रसाद (भाजपा) यूरोप के प्रमुख देशों जैसे यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय संघ गए. शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने मध्य पूर्व और अफ्रीका के कुछ देशों की यात्रा की. वहीं, बीजेपी के बैजयंत जय पांडा ने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया में भारत की बात रखी. इनके अलावा सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके) और संजय कुमार झा (जदयू) ने भी विभिन्न देशों का दौरा किया.

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