बांसवाड़ा/डूंगरपुर: शक्ति और साधना के प्रतीक शारदीय नवरात्रि की पावन बेला में राजस्थान का जनजाति बहुल दक्षिणांचल नई ऊर्जा और नए विश्वास का साक्षी बनने जा रहा है. देवी त्रिपुरा सुंदरी की दिव्य छत्रछाया, माही माता की जीवनदायिनी धारा, मानगढ़ के गौरवशाली इतिहास और संत मावजी की पवित्र भूमि पर 25 सितंबर का दिन केवल कैलेंडर की तारीख नहीं, बल्कि भविष्य के उज्ज्वल अध्याय की शुरुआत बनकर दर्ज होगा. इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांसवाड़ा जिले की छोटी सरवन पंचायत समिति के नापला गांव पहुंचकर 1 लाख 22 हजार 441 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे.
राजस्थान के जनजाति बहुल दक्षिणांचल वागड़ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर हो रहा यह आयोजन एकात्म मानववाद और अंत्योदय के आदर्शों को नई ऊर्जा देगा, मानो देवी की आराधना और विकास का संकल्प एक साथ साकार हो रहे हों.
राजस्थान सरकार का दूरदर्शी सहयोग
प्रधानमंत्री की इस ऐतिहासिक यात्रा को सफल बनाने में राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय है. मुख्यमंत्री ने स्वयं नापला गांव और आयोजन स्थल का दौरा कर तैयारियों का गहन निरीक्षण किया. मंच निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, चिकित्सा सहायता, यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण से लेकर हर व्यवस्था को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए.
राज्य सरकार ने परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय स्वीकृतियां और बुनियादी ढांचे के विकास में त्वरित कार्रवाई कर केंद्र की योजनाओं को गति दी. मुख्यमंत्री ने इसे केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि दक्षिण राजस्थान के जनजातीय अंचल को आत्मनिर्भर बनाने का युगांतकारी कदम बताया है.
माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना: प्रकृति और प्रगति के बीच सामंजस्य की प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर प्रदेश की दूसरी और देश की महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा परियोजना माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास करेंगे. लगभग 42,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 2800 मेगावाट की क्षमता वाली होगी, जिसमें 700-700 मेगावाट की चार अत्याधुनिक इकाइयां शामिल हैं. बांसवाड़ा जिले की छोटी सरवन तहसील के आड़ीभीत, बारी, कटुम्बी, सजवानिया और रेल गांवों में बनने वाली यह परियोजना प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर तकनीक पर आधारित होगी, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बिना स्वच्छ बिजली उत्पादन में सक्षम है. यह परियोजना केवल बिजली का स्रोत नहीं, बल्कि प्रकृति और प्रगति के बीच सामंजस्य का प्रतीक होगी.
ये कार्यक्रम भी हैं प्रस्तावित-
निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांसवाड़ा से 1 लाख 22 हजार 670 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री राजस्थान को 42 हजार करोड़ रुपए की माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना सहित 1 लाख 8 हजार 468 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं और विकास कार्यों की सौगात देंगे. वे इस अवसर पर राजस्थान सरकार के 30 हजार 339 करोड़ रुपए से अधिक के 48 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी करेंगे. इस मौके पर 15 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए जाएंगे. प्रधानमंत्री कार्यक्रम के अंत में पीएम कुसुम योजना के विभिन्न लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे.
जनजाति अंचल के सपनों को लगेंगे पंख:
इस परियोजना से बांसवाड़ा को दुनिया के परमाणु ऊर्जा मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी. इस परियोजना के निर्माण और संचालन के दौरान हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर खुलेंगे और आसपास के व्यवसायों को नई दिशा मिलेगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और दक्षिण राजस्थान का जनजातीय अंचल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा. यह केवल रोजगार की गिनती नहीं, बल्कि उन सपनों का उत्सव है, जो पीढ़ियों से अवसर की राह देख रहे थे. राजस्थान सरकार ने परियोजना से जुड़े स्थानीय रोजगार प्रोत्साहन, कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र और औद्योगिक इकाइयों के विस्तार की योजनाएं भी तैयार की हैं, ताकि बांसवाड़ा के युवाओं को सीधा लाभ मिल सके.
भव्य आयोजन, अप्रतिम उत्साह
माहीबांध बैकवॉटर की मनमोहक प्राकृतिक छटा के बीच नापला गांव का आयोजन स्थल विकास और आस्था के महाकुंभ में बदल चुका है. प्रधानमंत्री के मंच, वीवीआईपी गैलरी और जनसभा के लिए विशाल डोम और विशेष पंडाल बनाए गए हैं. सुरक्षा के लिए केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियां और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीमें मुस्तैद हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं बार-बार स्थल का दौरा कर अंतिम तैयारियों का निरीक्षण कर रहे हैं. शहर और आयोजन स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. प्रशासन द्वारा आमजन की सुविधा के लिए शटल बस सेवा, पेयजल स्टॉल, चिकित्सा केंद्र और पार्किंग जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं. पूरे क्षेत्र में ऐसा उत्साह है मानो यह केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि पूरे जनजातीय अंचल का अपना पर्व हो.