रामनवमी पर तमिलनाडु को पीएम मोदी की सौगातें: पंबन ब्रिज उद्घाटन, नई ट्रेन सेवा और मंदिर दर्शन…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तमिलनाडु को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. रामनवमी के अवसर पर पीएम मोदी रामेश्वरम में देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल (नए पंबन ब्रिज) का उद्घाटन करेंगे और रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) के बीच नई ट्रेन सेवा की शुरुआत करेंगे. पीएम मोदी यहां रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन करने भी जाएंगे. इस पुल का सांस्कृतिक महत्व गहरा है.

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पीएम मोदी दोपहर करीब 12 बजे नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे और सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे और पुल के संचालन को देखेंगे. इसके बाद दोपहर करीब 12:45 बजे वे रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे. रामेश्वरम में दोपहर करीब 1:30 बजे वे तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस अवसर पर वे जनसभा को भी संबोधित करेंगे.

2.08 किमी लंबा और 700 करोड़ से ज्यादा लागत

पंबन पुल… सिर्फ स्टील और कंक्रीट नहीं है. यह देश की इंजीनियरिंग के कमाल का बेहतरीन उदाहरण है. हमारी आस्था का पुल और भविष्य का रास्ता भी कहा जा सकता है. करीब 2.08 किमी लंबे ब्रिज की लागत 700 करोड़ रुपए से ज्यादा है. रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है.

111 साल बाद नए कलेवर में पुल

समुद्र की लहरों पर तैरता भारत का सपना अब हकीकत बन चुका है. पंबन ब्रिज का नया अवतार देश को ना सिर्फ जोड़ता है, बल्कि एक नए युग की ओर ले जाता है. दक्षिण भारत में रामेश्वरम की कनेक्टिविटी को जो़ड़ने वाला पंबन ब्रिज पहली बार 1914 में बना था. वो देश का पहला समुद्र के ऊपर बना रेल पुल था. 111 साल बाद अब ये पुल नए कलेवर में तैयार है.

आसानी से गुजरेंगे बड़े जहाज, निर्बाध होगा ट्रेन संचालन

ये सिर्फ एक पुल नहीं है. ये एक संकल्प है. भारत के इंजीनियरिंग चमत्कार का. विकसित भारत की ओर बढ़ते हिंदुस्तान का. नया पंबन ब्रिज सिर्फ तकनीकी विकास नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर है. ये भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी-ब्रिज है, जो जहाजों को नीचे से गुजरने की सुविधा देता है. इसकी खासियत की बात करें तो इसकी लंबाई- 2.08 किलोमीटर है जबकि 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है. यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है. इससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकेंगे और निर्बाध ट्रेन संचालन की सुविधा मिलती है.

पंबन ब्रिज पर अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फिलहाल तय किया गया है. तेज हवाओं में भी ट्रैक्शन सिस्टम काम करेगा. इसे बनाने में 750 करोड़ रुपये खर्च आया है. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के डायरेक्टर एमपी सिंह कहते हैं कि नया पंबन पुल 100 वर्षों तक 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन संचालन के लिए सुरक्षित है. हालांकि यह पुल 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनों को चलाने के लिए सुरक्षित है, लेकिन रामेश्वरम छोर की ओर इसके एलाइनमेंट में कर्वचर के कारण स्पीड को सुरक्षित रूप से 80 किलोमीटर प्रति घंटे पर तय किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे सिर्फ एक पुल नहीं मानते, बल्कि उनके लिए दक्षिण भारत में कनेक्टिविटी और श्रद्धा दोनों का सम्मान है. रामेश्वरम चारधाम में से एक है जो अब आधुनिकता से और मजबूती से जुड़ गया है. यह 2047 के विकसित भारत के सपनों में एक मील का पत्थर है. रामायण के अनुसार, राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था.

नया पंबन रेल पुल भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है. विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है.

और क्या सौगात देंगे पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन परियोजनाओं में एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन का बनाने के कार्य का शिलान्यास और एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुदुचेरी खंड को चार लेन का बनाने का काम, एनएच-32 का 57 किलोमीटर लंबा पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 का 48 किलोमीटर लंबा चोलापुरम-तंजावुर खंड शामिल हैं. ये राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, शहरों के बीच की दूरी कम करेंगे और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, बंदरगाहों तक तेज पहुंच सक्षम करेंगे. इसके अलावा ये स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को नजदीकी बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय चमड़ा और लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने में सशक्त बनाएंगे.

 

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