पीएम मोदी ने अब तक 17 विदेशी संसदों को संबोधित कर लिया है. यह आंकड़ा कांग्रेस के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए कुल भाषणों के बराबर है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह उपलब्धि इसी महीने यानी जुलाई 2025 के पहले हफ्ते में घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया की संसदों को संबोधित करके हासिल की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की वैश्विक भूमिका को और सशक्त बनाते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है. उन्होंने अब तक 17 विदेशी संसदों को संबोधित कर लिया है. यह आंकड़ा कांग्रेस के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए कुल भाषणों के बराबर है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह उपलब्धि इसी महीने यानी जुलाई 2025 के पहले हफ्ते में घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया की संसदों को संबोधित करके हासिल की है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
यह रिकॉर्ड न केवल आंकड़ों का खेल है, बल्कि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान, उसकी लोकतांत्रिक परंपराओं और विकास की यात्रा में बढ़ती दिलचस्पी का प्रमाण भी है.
कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री बनाम PM मोदी
अब तक सभी कांग्रेस प्रधानमंत्री मिलकर जितने विदेशी संसदों को संबोधित कर पाए, उतना अकेले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में कर दिखाया. नीचे देखें तुलनात्मक आंकड़ा:
प्रधानमंत्री का नाम विदेशी संसदों को दिए गए भाषण
डॉ. मनमोहन सिंह 7
इंदिरा गांधी 4
जवाहरलाल नेहरू 3
राजीव गांधी 2
पी.वी. नरसिम्हा राव 1
कुल (कांग्रेस PMs) 17
नरेंद्र मोदी (2014–2025) 17
PM मोदी के भाषणों की लिस्ट:
साल 2014
-ऑस्ट्रेलिया
-फिजी
-भूटान
-नेपाल (संविधान सभा)
साल 2015
-ब्रिटेन
-श्रीलंका
-मंगोलिया
-अफगानिस्तान
-मॉरीशस
साल 2016
-अमेरिका (US कांग्रेस का संयुक्त सत्र)
2018
-युगांडा
2019
-मालदीव
2023
अमेरिका (US कांग्रेस का दूसरा संबोधन)
2024
-गुयाना
2025
-घाना
-त्रिनिदाद एंड टोबैगो
-नामीबिया
क्या है इस उपलब्धि का महत्व?
प्रधानमंत्री मोदी का यह रिकॉर्ड सिर्फ एक कूटनीतिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत अब केवल वैश्विक मंच पर भागीदार नहीं, बल्कि एक नेतृत्वकर्ता भूमिका में है. इन भाषणों में विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देशों को शामिल किया गया है. इससे भारत की विदेश नीति में विविधता और क्षेत्रीय संतुलन को दर्शाने की कोशिश की गई है. इन मंचों के जरिए भारत ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है, जिनमें विकास, सहयोग, वैश्विक दक्षिण, और लोकतंत्र जैसे विषय शामिल रहे हैं.
ये भारत की बढ़ती साख का प्रतीक: BJP
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक 17 विदेशी संसदों को संबोधित किया है, जो कई दशकों में कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए संबोधनों के कुल योग के बराबर है.
बीजेपी ने लिखा, ‘घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया की संसदों में हालिया संबोधनों के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक 17 विदेशी संसदों में भाषण दिए हैं. यह संख्या कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा कई दशकों में दिए गए संसद-संबोधनों के कुल बराबर है. प्रधानमंत्री मोदी ने जो उपलब्धि महज एक दशक में हासिल की है, वह पहले दूसरों को पूरा करने में पीढ़ियां लग गईं. यह उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा और भारत की बढ़ती साख का प्रतीक है.’
पीएम मोदी को अब तक 27 देशों का सर्वोच्च सम्मान भी मिला
पीएम मोदी को 2014 से अब तक 27 देशों का सर्वोच्च सम्मान भी मिल चुका है. प्रधानमंत्री का 2 जुलाई से 10 जुलाई तक 5 देशों- घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा था, जहां सात दिनों में उन्हें 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। 3 जुलाई को घाना, चार जुलाई को त्रिनिदाद एंड टोबैगो, 8 जुलाई को ब्राजील और 9 जुलाई को नामीबिया ने उन्हें अपने देश का सर्वोच्च सम्मान दिया.
इनके अलावा पीएम मोदी को अमेरिका, श्रीलंका, भूटान, रूस, साउथ कोरिया, जापान, पापुआ न्यू गिनी, नाइजीरिया, फिजी, डोमिनिकन रिपब्लिक, साइप्रस, माल्टा, बार्बाडोस, ब्रुनेई, मॉरिशस, ब्राजील, गुएना, ग्रीस, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव और मिस्र भी सर्वोच्च सम्मान से नवाज चुके हैं.