रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह भारत और रूस के बीच सदियों पुरानी दोस्ती का प्रतिबिंब है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी का सम्मान है. पीएम ने कहा कि पुतिन के नेतृत्व में पिछले 25 वर्षों में भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हुए हैं और हर बार नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं.
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और रूस के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए बात की. उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करना होगा. आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. ऐसे निर्णय जिनसे न केवल दोनों देशों को बल्कि पूरी दुनिया को फायदा होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत रूस की साझेदारी महत्वपूर्ण है. हमारा मानना है कि शांति और स्थिरता के लिए प्रयास जारी रहना चाहिए. हम इस दिशा में लगातार काम करेंगे.
#WATCH | Russian President Vladimir Putin confers Russia's highest civilian honour, Order of St Andrew the Apostle on Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/aBBJ2QAINF
— ANI (@ANI) July 9, 2024
पुतिन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आपने दोनों देशों के बीच जो रणनीतिक संबंधों की नीव रखी थी वो गुजरते समय के साथ और मजबूत होकर निखरी है. पीपल टू पीपल पार्टनरशिप पर आधारित हमारा पारस्परिक सहयोग हमारे लोगों के भीतर भविष्य की उम्मीद भी बन रहा है और गारंटी भी बन रहा है.
PM मोदी ने कहा कि आज के समय में भारत और रूस के बीच पार्टनरशिप और जरूरी हो जाती है. आने वाले समय में हम मिलकर इसी दिशा में काम करते रहेंगे.
क्या है रूस का सर्वोच्च सम्मान?
पीएम मोदी को जिस सम्मान से सम्मानित किया गया इस ऑर्डर की स्थापना 1698 में ज़ार पीटर द ग्रेट ने की थी. यह यीशु के फर्स्ट एपोस्टल (first apostle) और रूस के संरक्षक संत, सेंट एंड्रयू के सम्मान में की गई थी. इसे एक ही वर्ग में केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए दिया जाता था. इसका इस्तेमाल रूस में सदियों से औपचारिक आयोजनों के लिए किया जाता रहा है.