प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की उड़ान को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी सराहा है. इंग्लैंड की प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पीएम मोदी के PRAGATI प्लेटफॉर्म पर एक केस स्टडी पब्लिश की है. यूनिवर्सिटी के सैद बिजनेस स्कूल और बिल गेट्स फाउंडेशन ने इस केस स्टडी पर मिलकर काम किया. इसमें बताया गया कि पीएम मोदी की लीडरशिप में प्रगति ने कैसे डिजिटल गर्वनेंस को बढ़ावा दिया और सरकारी प्रोजेक्ट्स की रफ्तार को बढ़ाने में मदद की है.
‘फ्रॉम ग्रिडलॉक टू ग्रोथ’ नाम से पब्लिश इस रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का प्रगति प्लेटफॉर्म इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि डिजिटल गर्वनेंस किस तरह से किसी देश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को रफ्तार दे सकती है. प्रगति प्ल्टेफॉर्म की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में की थी. इसका पूरा नाम ‘प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इंप्लिमेंटेशन’ है.
@OxfordSBS and @GatesFoundation have launched a groundbreaking case study on India's digital governance revolution. Prime Minister Modi led PRAGATI and transformed infrastructure development, accelerating 340+ projects worth $205B. #PRAGATIforProgress
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— Saïd Business School (@OxfordSBS) December 2, 2024
17.37 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मिली रफ्तार
प्रगति ने भारत के बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सोशल सेक्टर प्रोग्राम के मैनेजमेंट के तरीके को बदल दिया है. यह प्लेटफॉर्म नौकरशाही पर काबू पाने और इंडिया को बतौर एक टीम, उसकी मानसिकता और जवाबदेही और एफिशियंसी के कल्चर को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दिखाता है.
प्रगति के दम पर भारत में करीब 17.37 लाख करोड़ रुपये के 340 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स मिली है. प्रधानमंत्री मोदी खुद राज्यों के साथ मिलकर सरकारी प्रोजेक्ट्स की निगरानी करते हैं, और सुनिश्चित करते हैं कि प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे हों. समय-समय पर प्रगति की बैठक होती है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें हिस्सा लेती हैं.
भारत के प्रोजेक्ट्स को ऑक्सफोर्ड ने सराहा
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की केस स्टडी में प्रगति प्लेटफॉर्म के जरिए पूरे किए गए कुछ प्रोजक्ट्स का उदाहरण दिया गया. इसमें दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल, चिनाब ब्रिज इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है. यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक का हिस्सा है जो अब कश्मीर को शेष भारत से ट्रेन के जरिए जोड़ता है. इससे महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कनेक्टिविटी प्राप्त होगी.
एक दशक में 50 हजार किमी नेशनल हाईवे का निर्माण
इसके अलावा पिछले एक दशक में भारत ने 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है और अपने हवाई अड्डों की संख्या को दोगुना कर दिया है. ऐसे ही कई उदाहरण ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की केस स्टडी में शामिल है. यह दिखाता है कि भारत का डिजिटल गर्वनेंस मॉडल दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है.