ग्रूमिंग गैंग्स मामले पर PM स्टार्मर का बड़ा फैसला, PAK मूल के नागरिकों पर लगे थे हजारों लड़कियों के यौन शोषण के आरोप

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने शनिवार को कहा कि वह देश भर में हजारों लड़कियों का यौन शोषण करने वाले गिरोहों की राष्ट्रीय जांच का समर्थन करेंगे. इस मुद्दे पर सरकार के रुख में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है. स्टार्मर की यह घोषणा पूर्व वरिष्ठ सरकारी अधिकारी लुईस केसी द्वारा ब्रिटेन में गिरोह-आधारित बाल यौन शोषण के पैमाने और प्रकृति की त्वरित ऑडिट करने के बाद आई है. बढ़ते पब्लिक प्रेशर और एजेंसियों की पिछली विफलताओं की नए सिरे से जांच के बीच गृह सचिव यवेटे कूपर ने जनवरी में यह ऑडिट कराया था.

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पत्रकारों से बात करते हुए स्टार्मर ने कहा कि केसी ने शुरू में माना था कि नई राष्ट्रीय जांच की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सबूतों की समीक्षा करने के बाद उन्होंने अपना रुख बदल दिया. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लुईस केसी ने जो सामग्री देखी है, वह इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि उन्होंने जो देखा है, उसके आधार पर राष्ट्रीय जांच होनी चाहिए. मैंने उनकी रिपोर्ट का एक-एक शब्द पढ़ा है और मैं उनकी सिफारिश को स्वीकार करने जा रहा हूं.’

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा लंबे समय से एक बेहद संवेदनशील और राजनीतिक रूप से चर्चित विषय रहा है. एक दशक से भी पहले प्रकाश में आए इस घोटाले ने उजागर किया कि कैसे गिरोहों ने- जिनमें से कई मुख्य रूप से पाकिस्तानी पुरुष थे- व्यवस्थित रूप से युवा श्वेत लड़कियों की तस्करी की और उनका बलात्कार किया, अक्सर रॉदरहैम, रोशडेल और टेलफोर्ड जैसे शहरों में. बाद में कई जांचों से पता चला कि स्थानीय अधिकारी और पुलिस वर्षों से दुर्व्यवहार की रिपोर्टों पर कार्रवाई करने में विफल रहे थे, अक्सर नस्लवाद का आरोप लगने या सामुदायिक तनाव को बढ़ाने के डर से.

ब्रिटेन में कई लड़कियों को युवा मुस्लिम पुरुषों ने दोस्त बनाया और फिर उन्हें बड़ी उम्र के पुरुषों के पास भेज दिया जो उनके बॉयफ्रेंड बन गए. इसके बाद सामूहिक बलात्कार और कई तरह की अन्य हिंसाएं हुईं. इन ग्रूमिंग गैंग का एक पैटर्न था: रॉदरहैम, ओल्डहैम और अन्य क्षेत्रों में 10 वर्ष की आयु तक की लड़कियों को पाकिस्तानी मूल के पुरुषों द्वारा बहकाया जाता था, फिर उन्हें बड़े पुरुषों के पास ले जाया जाता था, जो उन्हें नियंत्रित करते थे और उनसे छेड़छाड़ करते थे. इसके बाद इन युवा लड़कियों के साथ इन पुरुषों और उनके रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा कई सालों तक सामूहिक बलात्कार किया जाता था. जब इन महिलाओं ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की तो अधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने ब्रिटेन में सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ठेस पहुंचाने से बचने की कोशिश की थी.

इस साल की शुरुआत में यह मामला फिर से सुर्खियों में आया जब अमेरिकी टेक अरबपति एलन मस्क ने ब्रिटिश सरकार पर कमजोर लड़कियों के ऐतिहासिक और चल रहे शोषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया. सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर की गई उनकी टिप्पणियों ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया और व्यापक और स्वतंत्र जांच की मांग को फिर से बढ़ावा दिया. अब तक, लेबर पार्टी की सरकार इस केस की समीक्षा की मांग का विरोध करती रही थी और तर्क देती रही थी कि पहले ही इस मामले में अनेक स्थानीय और राष्ट्रीय जांचें की जा चुकी हैं.

 

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