देश की सुरक्षा और रणनीतिक तैयारियों पर उच्च स्तर पर चर्चा के लिए इस साल की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन कोलकाता में किया जा रहा है। यह कॉन्फ्रेंस 15 से 17 सितंबर तक चलेगी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को देश की सुरक्षा व्यवस्था और रक्षा रणनीति का अहम मंच माना जाता है। इसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही, भविष्य की चुनौतियों और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर भी गहन चर्चा होगी।
जानकारी के अनुसार, इस बार की कॉन्फ्रेंस का फोकस ‘ज्वॉइंटनेस’ और ‘थियेटर कमांड्स’ पर रहेगा। दरअसल, सरकार और सेना मिलकर थियेटर कमांड सिस्टम पर काम कर रहे हैं, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और संसाधनों का साझा उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष आधारित युद्धक क्षमताओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई तकनीकों को रक्षा तैयारियों में शामिल करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने पर चर्चा होगी।
इस सम्मेलन में देश के पूर्वी समुद्री इलाके की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। हाल ही में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा को लेकर भारत की रणनीति पर जोर दिया जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोलकाता में यह आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि यह शहर पूर्वी नौसेना कमान के करीब है और भारत की पूर्वी सीमा की सुरक्षा रणनीति के लिहाज से बेहद अहम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन सत्र में सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा उत्पादन में तेजी लाने से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने की रणनीति पर भी चर्चा होगी।
कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 से उम्मीद की जा रही है कि यह देश की रक्षा नीतियों और भविष्य की रणनीति को नई दिशा देगा। साथ ही, भारत की सैन्य शक्ति को और मजबूत बनाने के लिए यह एक अहम कदम साबित होगा।