उत्तर प्रदेश के लखनऊ के बलरामपुर के अस्पताल में तैनात डॉक्टर देवेंद्र सिंह पर कानपुर की एक युवती से करीब 50 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगा है. डॉक्टर ने खुद को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का करीबी बताकर और सचिवालय में पहचान होने का दावा कर युवती के परिवार को झांसा दिया. उसने दावा किया कि वह अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर राज्यपाल कोटे से प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन करा सकता है. ऐसे में झांसे में आकर पीड़ित परिवार ने उसे लाखों रुपए दे दिए.
कानपुर के डब्ल्यू टू जूही कला के रहने वाले हेमेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी मुलाकात 25 जुलाई 2022 को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित बेतवा अपार्टमेंट के रहने वाले डॉक्टर देवेंद्र सिंह से एक पुराने दोस्त के जरिए हुई थी. डॉक्टर देवेंद्र सिंह ने दावा किया कि उनके भाई प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात हैं और उनकी सचिवालय, राज्यपाल भवन में ऊंची पहुंच है. इस आधार पर उन्होंने हेमेंद्र की बेटी का सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने का वादा किया. इसके एवज में डॉक्टर ने 51 लाख रुपये की मांग की.
50 लाख रुपए करा लिए ट्रांसफर
हेमेंद्र ने बताया कि 2 अगस्त 2022 से 26 अगस्त 2022 के बीच उन्होंने 50 लाख 80 हजार रुपये की पेमेंट की. डॉक्टर देवेंद्र सिंह ने 14 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराए, जबकि बाकी अपने दोस्त अमन श्रीवास्तव के अकाउंट में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कराए. डॉक्टर ने भरोसा दिलाया था कि अगर एडमिशन नहीं हुआ, तो वह दो प्रतिशत ब्याज के साथ पूरे पैसे लौटा देगा.
26 लाख रुपये लौटाने से किया इनकार
हालांकि जब एडमिशन नहीं हुआ तो हेमेंद्र ने पैसे वापस मांगे. लेकिन डॉक्टर देवेंद्र सिंह टालमटोल करने लगा. कई बार बलरामपुर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने 28 जून 2023 को 24 लाख रुपये लौटाए और बाकी के पैसे वापस देने से इनकार कर दिया. पीड़ित ने बताया कि डॉक्टर देवेंद्र सिंह ने उनका नंबर ब्लॉक कर दिया और लखनऊ में उनके आवास पर मिलने से भी मना कर दिया.
धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया
इतना ही नहीं, डॉक्टर ने ऊंची पहुंच का हवाला देकर जान से मारने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी. इसके बाद हेमेंद्र ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई. उनके निर्देश पर बर्रा थाने में डॉक्टर देवेंद्र सिंह और उनके सहयोगी अमन श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.