दिल्ली के अशोक विहार इलाके में डकैती और हत्या के मामले में 33 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. उस पर इस वारदात में हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का आरोप है. बुधवार को एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान मनोज उर्फ रॉकी के रूप में हुई है. उसे 15 मई को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया
पुलिस उपायुक्त (अपराध) हर्ष इंदौरा ने बताया कि दिनदहाड़े 16.5 लाख रुपए कैश लेकर जा रहे एक व्यक्ति की लूट और हत्या की जांच के दौरान उसका नाम सामने आने के बाद से मनोज गिरफ्तारी से बच रहा था. उसने अपने सहयोगी फैयाज उर्फ एलन को हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था. फैयाज 25 फरवरी की घटना में सीधे तौर पर शामिल था.
पीड़ित को पिस्तौल से सीने में गोली मारी गई थी. अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया था. इस घटना के तुरंत बाद मनोज अंडरग्राउंड हो गया और बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा. पुलिस की निगरानी से बचने के लिए किसी और के नाम से पंजीकृत सिम कार्ड का इस्तेमाल करता रहा. उसका अंतिम ज्ञात पता गाजियाबाद में था, स्थायी पता हापुड़ जिले में है.
स्थानीय खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस ने मनोज को गाजियाबाद में ढूंढ निकाला. उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि उसने फैयाज को हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था, जिसने जानलेवा हमला किया. उसे भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
आरोपी मनोज पर द्वारका नॉर्थ थाने में दर्ज लूट और हत्या के एक पुराने मामले में भी मुकदमा चल रहा है. उस मामले में उसे साल 2022 में जमानत पर रिहा किया गया था. उस पर मुकदमा चल रहा था. डीसीपी ने बताया कि वो पहले भी इसी थाने में दर्ज चोरी और हमले के प्रयास के साल 2016 के एक मामले में शामिल रह चुका है.
पुलिस ने बताया कि मनोज नौवीं कक्षा तक पढ़ा है और एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है. वो विपिन गार्डन और सेक्टर 16, द्वारका में रहते हुए नागेंद्र, बब्बर, रोहित, जनक और फैयाज जैसे अपराधियों के साथ मिलकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया. उससे पूछताछ के दौरान दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हुए वारदात सुलझाने में मदद मिल सकती है.