मध्य प्रदेश के रतलाम में गणपति पंडाल पर पथराव और दो समुदाय के बीच हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. पुलिस की जांच में पता चला है कि यह घटना शहर में अफवाह की वजह से हुई. यह अफवाह शहर के ही एक गुंडे लखन रजवानिया ने फैलाई थी. यह जानकारी रतलाम के एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने दी. मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लखन रजवानिया सुधाकर राव मराठा का करीबी है. रतलाम पुलिस ने हाल ही में सुधाकर राव मराठा सहित 7 लोगों पर हफ्ता वसूली का केस दर्ज किया था. इसके बाद यह उपद्रव हुआ है.
नौबत यहां तक आ गई कि शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज तक करनी पड़ी थी. बता दें कि शहर के मोचीपुरा क्षेत्र में गणेश चतुर्थी के दिन हिंसक घटना हुई थी. भगवान गणेश की मूर्ति ले जाते समय कुछ लोगों ने समुदाय विशेष के लोगों द्वारा पथराव की अफवाह फैला दी. इसकी खबर मिलते ही पूरे शहर में तनावपूर्ण हालात बन गए थे. बड़ी संख्या में लोगों ने स्टेशन रोड थाने का घेराव करते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की.
ऐसे शुरू हुआ बवाल
देखते ही देखते मामला इतना गरमा गया कि हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ शुरू कर दी. हालात नियंत्रण से बाहर जाते देख पुलिस को लाठी चार्ज किया था. इस मामले में रतलाम पुलिस ने शनिवार की रात में ही 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इनमें से तीन लोगों को अरेस्ट भी किया गया था. शनिवार की शाम को मोचीपुरा इलाके में गणपति का जुलूस निकल रहा था. इसी दौरान एक ट्रांसजेंडर ने कह दिया कि जुलूस में ही शामिल किसी व्यक्ति ने पत्थर फेंका है. इसी बात पर बवाल भड़का था. लोग आक्रोशित हो गए थे.
डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ केस
यहां तक कहा गया कि गणेश की मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त करने की कोशिश हुई. इसकी जानकारी होने पर 500 से अधिक लोगों ने थाने का घेराव किया था. आधी रात के बाद तक लोगों का हंगामा चलता रहा. हालांकि मामले को तूल पकड़ते देख एसपी राहुल लोढ़ा खुद मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझा कर शांत कराया. इसके बाद जब मामले की जांच कराई, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो पता चला कि इस तरह की कोई घटना ही नहीं हुई. यह सब कुछ महज अफवाह था.मौके पर हालात तनावपूर्ण होते देख रतलाम पुलिस ने आसपास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुला लिया था.
13 आरोपी नामजद
वहीं अफवाह फैलाने वाले ट्रांसजेंडर के साथ ही शहर के एक बदमाश लखन राजवानिया समेत तीन लोगों को अरेस्ट किया गया. इनसे पूछताछ के बाद अब रतलाम पुलिस ने इस घटना का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने दावा किया है कि राजवानिया के कहने पर ट्रांसजेंडर काजल ने यह अफवाह उड़ाई थी. इस मामले में रतलाम पुलिस ने 13 नामजद समेत 150 से अधिक लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. नामजद आरोपियों में काजल और लाखन राजवानिया के अलावा रवि शर्मा, महेंद्र सोलंकी, जलज सांखला, नितेश, मुकेश बंजारा, मंथन भोंसले, रवि सेन, विजय प्रजापति, अमन जैन, जयदीप गुर्जर और अजु बरगुंडा आदि के नाम शामिल हैं. इन सभी आरोपियों पर भीड़ को उकसाने, हंगामा करने और कराने के अलावा गाड़ियों में तोड़फोड़ का आरोप है.