सात लाख रुपये देकर सॉल्वर से दिलाई थी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा…

मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलवाने के मामले में थाना बिलपांक में परीक्षार्थी और सॉल्वर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपित अभ्यर्थी ने सात लाख रुपये देकर सॉल्वर की व्यवस्था की थी। दस्तावेज परीक्षण और चरित्र सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया। प्रदेश में अब तक इस तरह के 26 मामले सामने आए हैं।

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बिलपांक थाना प्रभारी अयूब खान ने बताया कि मुरैना जिले के जौरा में द्वारकापुरी बस्ती निवासी आरोपित दुर्गेश राठौर का चयन आरक्षक (जीडी/रेडियो) भर्ती परीक्षा 2023 में हुआ था। आरोपित दुर्गेश लिखित व शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दस्तावेज परीक्षण और चरित्र सत्यापन के दौरान तीन सदस्यीय जांच समिति के संदेह के घेरे में आ गया था।

आरोपी राघवेंद्र रावत फरार

सख्ती से पूछताछ करने पर उसने परीक्षा केंद्र पर अपनी जगह मुरैना के सबलगढ़ निवासी राघवेंद्र रावत नामक युवक को बैठाने की बात स्वीकार की। आरोपित ने बिलपांक थाना क्षेत्र के निजी स्कूल में परीक्षा दी थी। पुलिस ने आरोपित दुर्गेश को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे आज न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरोपी राघवेंद्र रावत फरार है, जिसकी तलाश के लिए टीम गठित की जाएगी।

लिखावट और बायोमेट्रिक से हुआ खुलासा

दस्तावेज परीक्षण में लिखावट में अंतर पाए जाने पर दुर्गेश ने बहाना बनाया कि फार्म भरते समय अंगुली में चाकू लगने से चोट थी, इसलिए उसके भाई ने फार्म भरा, हस्ताक्षर उसी के थे। संदेह दूर न होने पर कर्मचारी चयन मंडल से बायोमेट्रिक और परीक्षा केंद्र की फोटो निकाली गई।

इनमें सॉल्वर की पहचान राघवेंद्र रावत के रूप में हुई। 15वीं वाहिनी विसबल के निरीक्षक रोहित कास्डे ने मल्हारगंज थाना इंदौर में आवेदन देकर प्रकरण दर्ज कराया। मामला बिलपांक थाना क्षेत्र का होने से केस को शून्य पर दर्ज कर बिलपांक थाने स्थानांतरित किया गया, जहां असल कायमी की गई है।

 

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