मध्य प्रदेश की जबलपुर जिले के शहर को दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है. माढ़ोताल थाना क्षेत्र में प्रवचनकर्ता अजीत सिंह (82 वर्ष) की उनके ही बेटे अमरजीत सिंह ने बेरहमी से हत्या कर दी. हत्या का कारण बेहद चौंकाने वाला है काम पर नहीं जाने को लेकर पिता की समझाइश बेटे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने खौफनाक कदम उठा लिया.

82 वर्षीय बुजुर्ग की उनके ही बेटे ने बेरहमी से हत्या कर दी. बुजुर्ग अपने बेरोजगार बेटे को बार-बार काम करने के लिए टोकते थे. इससे गुस्साए बेटे ने अपने पिता के सिर पर पहले हथौड़ी मारी. फिर उस्तरे से उनका गला काट दिया. घटना 11 सितंबर की रात की है.

पिता की मौत के बाद घर पर ताला लगाकर बेटा फरार हो गया. 2 दिन बाद 13 सितंबर को घर से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने माढोताल पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़कर देखा गया तो अंदर बुजुर्ग अजीत सिंह लाश पड़ी थी। बेटा अमरजीत सिंह गायब था. आरोपी बेटे को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि वह फरार होने की कोशिश में था. पुलिस ने आरोपी बेटे को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है.

पहले हथौड़े से सिर पर हमला, फिर गला काटकर हत्या-
थाना प्रभारी नीलेश दोहरे ने पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस जांच में सामने आया है कि घटना के दिन पिता ने बेटे अमरजीत को कामकाज करने और जिम्मेदारी निभाने की नसीहत दी थी. इसी बात से नाराज होकर अमरजीत ने पहले हथौड़े से पिता के सिर पर वार किया, उसके बाद धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी. वारदात के बाद आरोपी ने शव को कमरे में छोड़ दिया और खुद फरार हो गया.

नवागत एएसपी ने संभाला मोर्चा-
मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी आयुष गुप्ता स्वयं मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. गौरतलब है कि आयुष गुप्ता ने हाल ही में एएसपी सिटी आनंद कलादगी की जगह कार्यभार संभाला है। उन्होंने मोर्चा संभालते हुए स्पष्ट किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

फरार आरोपी स्टेशन से पकड़ा गया-
हत्या के बाद अमरजीत शहर से बाहर भागने की फिराक में था. वह जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी से हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा और चाकू भी बरामद कर लिया है.

धार्मिक समाज में सदमा-
मृतक अजीत सिंह लंबे समय से सिख संगत में प्रवचन देकर समाज को धार्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहे. उनकी हत्या से श्रद्धालुओं और समाज में गहरा आक्रोश और शोक का माहौल है.
उल्लेखनीय भूमिका-
अंधी हत्या का 24 घंटे के अंदर खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी माढोताल नीलेश दोहरे, उप निरीक्षक नीलेश पोर्ते, उप निरीक्षक गनपत मर्सकोले, सहायक उप निरीक्षक विजय शुक्ला, आरक्षक निकेश, सचिन मेहरा, पुष्पराज जाट, बालकराम की सराहनीय भूमिका रही.
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