कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के भाइयों और सदाशिव यादव को खोज रही पुलिस, करोड़ों की जमीन कब्जा करने का आरोप

इंदौर (MP Politics): करोड़ों रुपये कीमती जमीन की धोखाधड़ी में फंसे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई नाना-भरत पटवारी और कांग्रेस जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव की पुलिस ने चौतरफा घेराबंदी कर दी है। गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापे मारे जा रहे हैं। कॉल डिटेल के आधार पर रिश्तेदारों को पकड़ना शुरू कर दिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

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बता दें कि तेजाजी नगर पुलिस ने सोमवार रात महावीर बाग कालोनी निवासी नरेंद्र मेहता (जैन) की शिकायत पर तीनों के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचना और धमकाने का केस दर्ज किया था। पुलिस ने मंगलवार को आरोपितों को नोटिस भेजा, पर हाजिर नहीं हुए। एफआइआर के विरोध में बुधवार को कांग्रेस नेता पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन चस्पा कर आए। इसके बाद पुलिस एक्शन में आई और आरोपितों की तलाश में जुट गई।

जानकारी के अनुसार पुलिस ने संभावित स्थानों पर दबिश दी, मगर तीनों आरोपित फरार मिले। उनके मोबाइल भी बंद हो गए हैं। अंतिम लोकेशन घरों के आसपास की मिली है। गुरुवार को तेजाजी नगर पुलिस ने सदाशिव यादव के भानजे पंकज को हिरासत में ले लिया। पंकज की ही अंतिम बार बात हुई थी। टीआइ देवेंद्र मरकाम ने करीब तीन घंटे तक कड़ी पूछताछ की।

इस दौरान सदाशिव यादव के स्वजन रानीसराय स्थित डीसीपी कार्यालय पहुंचे और पंकज के अपहरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस पंकज के बारे में जानकारी नहीं दे रही है। नाना और भरत पटवारी की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें बाहर भेजी गई हैं।

फर्जी निकला ट्रस्ट, बगैर रजिस्ट्रेशन वसूला चंदा

पुलिस का दावा है कि सदाशिव यादव द्वारा बनाया अखिल भारतीय यादव समाज पब्लिक ट्रस्ट फर्जी है। इसमें सदाशिव यादव अध्यक्ष है। मंगलवार को उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था कि ट्रस्ट से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के भाई नारायण यादव भी जुड़े हैं। पुलिस ने रिकार्ड खंगाला तो पता चला ट्रस्ट का पंजीयन नहीं है। सदाशिव ने अभी पंजीयन के लिए आवेदन लगाया है। थाने में उसका सत्यापन लंबित है।

नाना की फाइलें खुलीं, जिलाबदर की तैयारी

पुलिस ने नाना पटवारी की पुरानी फाइलें खंगालनी शुरू कर दी है। नाना पटवारी के ड्रग्स माफिया से कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं। कुछ साल पूर्व विजयनगर थाने में दर्ज प्रकरण में पैडलर सोहन उर्फ जोजो के बयान में नाना का नाम आया था। उसका कोर्ट से भी नोटिस जारी हो चुका है। डीसीपी जोन-1 विनोद कुमार मीना के अनुसार नाना के विरुद्ध छह केस दर्ज हैं। जिलाबदर का प्रकरण सीपी कार्यालय में विचाराधीन है।

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