मुजफ्फरनगर कांवड़ यात्रा: दुकानदार की पैंट उतारकर पहचान करने के आरोपियों को पुलिस का नोटिस, भड़के यशवीर महाराज, बोले- FIR हुई तो…

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में स्वामी यशवीर जी महाराज ने कांवड़ यात्रा मार्ग में विशेष अभियान चलाया है. इसके तहत उनके कार्यकर्ता दुकानों-ढाबों-होटलों आदि में चेकिंग कर रहे हैं. चेकिंग के माध्यम से वो ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई व्यक्ति फर्जी नाम/पते से तो अपनी दुकान नहीं चला रहा है. हालांकि, अब स्वामी यशवीर का ये अभियान विवादों में घिर गया है. आरोप है कि उनके कार्यकर्ताओं ने पहचान साबित करने के लिए एक दुकानदार की पैंट उतरवाने की कोशिश की.

इस मामले में मुजफ्फरनगर की नई मंडी कोतवाली पुलिस द्वारा स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम के छह सदस्यों को नोटिस जारी किया गया. साथ ही जवाब देने के लिए उन्हें तीन दिन का समय दिया गया. इसके बाद एक्शन लेने की बात कही गई. पुलिस का नोटिस मिलने के बाद यशवीर महाराज भड़क उठे. उन्होंने पुलिस को खुली चुनौती दे डाली. उनका कहना है कि जो नोटिस उनकी टीम के सदस्यों को दिया गया है, उसका जवाब जरूर दिया जाएगा, लेकिन यदि हमारे 6 हिंदू वीरों पर मुकदमा दर्ज हुआ तो हम इसका जबरदस्त तरीके से प्रतिकार करेंगे.

स्वामी यशवीर जी महाराज ने कहा कि हमारा आंदोलन सिर्फ मुजफ्फरनगर में नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में होगा. पूरा सनातनी समाज हमारे हिंदू वीरों के साथ खड़ा है. अगर पुलिस सोचती है कि नोटिस देकर यह आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ऐसा नहीं होगा. आंदोलन प्रदेश से निकलकर पूरे देश में फैल जाएगा.

यशवीर महाराज के मुताबिक- थूक जिहाद, मूत्र जिहाद और कई तरीकों से हिंदुओं की पवित्रता भंग की जा रही है. इस जिहादी गैंग के खिलाफ क्रांति प्रारंभ हो चुकी है जो अब खत्म नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हम अब थूक-मूत्र गैंग के लोगों को सनातन धर्म के हिंदू देवी देवताओं के नाम का साइन बोर्ड लगाकर दुकान नहीं चलाने देंगे. इसके लिए चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े या फिर जेल ही क्यूं ना जाना पड़े.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा में दुकानों, होटल और ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश दिए हैं. इस क्रम में मुजफ्फरनगर के दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे-58 के कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर नेम प्लेट अनिवार्य है. इसको लेकर स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार से जल लेकर आते हैं. इसलिए जिस दुकान पर बैठकर वे खाना खाते हैं तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि वह किसकी दुकान है.

Advertisements
Advertisement