गोतस्करी को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री द्वारा ली गई बैठक के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है। इसकी के तहत झारखण्ड और ओडिसा से लगे सरहदी जिला जशपुर में गोतस्करों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कलेक्टर व जिला दंडाधिकरी रवि व्यास ने गोतस्करी में लगे 21 वाहनों को राजसात करने की स्वीकृति दे दी है।
इसे लेकर एसएसपी शशि मोहन सिंह का कहना है कि जल्द ही इन वाहनों की नीलामी कराई जाएगी। जशपुर पुलिस की इस कार्रवाई का लक्ष्य गोतस्करों के आर्थिक तंत्र को नष्ट करना है, जिससे गोतस्करी को जड़ से समाप्त किया जा सके।
पुलिस का ऑपरेशन ”शंखनाद”
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि झारखंड और ओडिशा की अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित जशपुर जिले में गोतस्करी को रोकना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इससे निबटने के लिए पुलिस ऑपरेशन शंखनाद के नाम से विशेष अभियान चला रही है। अभियान के तहत मुखबिर तंत्र को नए सिरे से सक्रिय किया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि सूचना तंत्र से प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश जिले के सभी पुलिस अधिकारियों,थाना व चौकी प्रभारियों को दी गई है।
अबतक 123 आरोपित गिरफ्तार
एसएसपी सिंह ने बताया कि जिले में जनवरी 2024 से अब तक गोतस्करी के 8 मामलों में 123 आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए 900 गोवंशजों को तस्करों से छुड़ाकर संरक्षित किया गया है। कार्रवाई के दौरान तस्करों से 46 वाहन जब्त किया गया है। इनमें से 21 वाहनों को राजसात किया जा चुका है। शेष वाहनों की राजसात करने की प्रक्रिया की जा रही है। एसएसपी का कहना है राजसात की प्रक्रिया के दौरान वाहन मालिकों को पक्ष रखने का अवसर दिया जाता है।