Vayam Bharat

छत्तीसगढ़ व बालाघाट के बिरसा में हुई हत्या का पुलिस ने किया खुलासा, यह बना था दुश्मनी का कारण

बालाघाट जिले के बिरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत 15 सितंबर को रेलवाही-बंजारीटोला के जंगल तरफ सड़क किनारे पुलिस को छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा जिले के लोहारीडीह निवासी व साहू समाज के सर्किल अध्यक्ष शिवप्रसाद उर्फ कचरु साहू का पेड़ पर फांसी पर लटकता शव मिला था.

Advertisement

रघुनाथ साहू के घर में आग लगाकर जिंदा जलाया

इस कार्रवाई के दौरान ही पुलिस को यह भी सूचना मिली कि मृतक के गांव के ही ग्रामीणों ने उसकी हत्या करने के शक में गांव के ही उपसरपंच रघुनाथ साहू के घर पर आग लगाकर उसे जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी.

अंधे हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया

पुलिस अधीक्षक नगेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने मामला कायम कर मामले को विवेचना में लिया और विवेचना उपरांत कचरु साहू की हत्या के छत्तीसगढ निवासी तीन आरोपितों व बालाघाट निवासी एक आरोपित को गिरफ्तार कर इस अंधे हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया है.

संदेही पर शक से पुलिस को मिली लीड

दो मौत के मामले में विवेचना कर रही पुलिस को संदेही टेकचंद पटले 24 वर्ष भेलवाटोला थाना रेगाखार कबीरधाम छत्तीसगढ के बयान व उसकी गतिविधि संदिग्ध लगी तो पुलिस ने उसे पकड़कर बारीकी से पूछताछ की.

हत्‍या कर पेड़ पर फांसी से लटका दिया था

कचरु साहू ने आत्महत्या नहीं की बल्कि पूर्व प्लान के अनुसार आरोपित टेकचंद पटले, दिनेश साहू लोहारीडीह थाना रेंगाखा कबीरधाम, रोमन साहू लोहारीडीह थाना रेंगाखा कबीरधाम व राखीलाल हिरवाने बनाफरटोला ग्राम रेलवाही थाना बिरसा ने हत्या कर गमछे से उसको पेड़ पर फांसी से लटका दिया था.

कचरु बालाघाट के दमोह के तरफ काफी आता था

मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपित दिनेश व रोमन ने कचरु की प्रत्येक गतिविधि पर रैकी की तो उन्हें पता चला कि कचरु बालाघाट के दमोह के तरफ काफी आता जाता है. जिसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ की सीमा से बाहर मध्यप्रदेश की सीमा में उसकी हत्या करने का प्लान बनाया.

दोस्त दस हजार रुपये एडवांस भी दिया

उसकी हत्या करने के लिए उसके करीब दोस्त टेकचंद पटले को भी शामिल किया और उसे दस हजार रुपये एडवांस भी दिया. जिससे वह उनको उसकी लोकेशन बताने लगा.

चिकन पार्टी के नाम पर घटना स्थल लेकर आया

14 सितंबर को कचरु के दमोह आने पर दिनेश उसे चिकन पार्टी के नाम पर घटना स्थल लेकर आया और उसने वहां रोमन, राखीलाल व दिनेश को भी मौके पर बुलाया.

गमछा से गला दबाकर उसको मार दिया

डंडे से मारकर व गमछा से गला दबाकर उसको मार दिया. इस दौरान टेकचंद वहां से भाग गया. जिसके बाद उन्होंने हत्या को आत्महत्या बताने के लिए जंगल के पेड़ में उसके गमछे से ही उसे फांसी पर लटका दिया था.

समाज से बाहर करना बना था दुश्मनी का कारण

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसकी मां को सरपंच के पद से हटवा दिया था. वहीं रोमन के परिवार को लंबे समय से समाज में शामिल नहीं किया गया है और उसकी खेत की फसल को जानवरों से चरवाने व खेत में आग तक लगावा चुका था. इन्हीं हरकतों से तंग आकर उन्होंने उसकी हत्या की थी.

Advertisements