उदयपुर में माफिया पर पुलिस का शिकंजा, NDPS एक्ट के तहत हिस्ट्रीशीटर की करोड़ों की अवैध संपत्ति जब्त

उदयपुर: ज़िले में अपराध पर नकेल कसते हुए पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देशन में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. पुलिस ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट की धारा 68F के तहत अंबामाता थाना क्षेत्र के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विष्णु सेन उर्फ मुकेश सेन की अवैध संपत्ति को कुर्क किया है. यह NDPS एक्ट की इस धारा के अंतर्गत उदयपुर पुलिस की पहली सफल कार्रवाई है, जिसे भविष्य में भी निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया गया है.

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विष्णु सेन उर्फ मुकेश सेन (उम्र 55 वर्ष), पुत्र सुरेश चंद्र सेन, मूल निवासी हवेली नानका सराफा, भरतपुर (वर्तमान में ब्रह्मपोल दरवाजा, उदयपुर) के खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियारों की आपूर्ति सहित गंभीर अपराधों के 30 से अधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने उसकी आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्ति की गहन जांच शुरू की थी.

जांच में सामने आया कि विष्णु सेन और उसके परिजनों ने जो संपत्तियां बनाई हैं, वे मुख्यतः अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित आय से खरीदी गई थीं. जब उसकी घोषित आमदनी की तुलना संपत्ति से की गई तो साफ़ हो गया कि उसकी संपत्तियां अवैध कमाई से अर्जित हैं.

इसके आधार पर NDPS एक्ट की धारा 68F के तहत एक विस्तृत रिपोर्ट (इस्तगासा) तैयार की गई, जो अपराधियों द्वारा नशे के धंधे से कमाई गई संपत्तियों को जब्त करने की कानूनी प्रक्रिया है. अंबामाता थाना के पूर्व थानाधिकारी डॉ. हनुवंत सिंह राजपुरोहित ने इस मामले में जांच शुरू की और आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए. वर्तमान थानाधिकारी मुकेश सोनी ने यह इस्तगासा दिल्ली स्थित अधिकृत अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया.

प्राधिकृत अधिकारी ने विष्णु सेन को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया, लेकिन वह अपनी संपत्तियों को वैध आय से अर्जित सिद्ध नहीं कर सका. वहीं, थानाधिकारी मुकेश सोनी और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत निरीक्षक संजीव स्वामी ने इस मामले में सशक्त पैरवी की. अंततः, न्यायालय ने पुलिस की दलीलों को स्वीकार करते हुए विष्णु सेन की दो मंज़िला कोठी, एक कार और एक मोटरसाइकिल को कुर्क करने के आदेश जारी किए.

एसपी योगेश गोयल ने कहा कि NDPS एक्ट के तहत की गई इस कार्रवाई से अपराधियों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि अवैध गतिविधियों से अर्जित संपत्तियां सुरक्षित नहीं रहेंगी और कानून ऐसे लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसता रहेगा.

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