तीन दिन तक नरकंकाल लेकर भटकी पुलिस, डॉक्टर ने आखिर ग्वालियर में किया पोस्टमार्टम

श्योपुर : जिले की देहात थाना पुलिस को आखिरकार तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद उस वक्त राहत मिली, जब ग्वालियर में नरकंकाल का पोस्टमार्टम (पीएम) संपन्न हो गया.यह नरकंकाल 26 मई को ग्राम सीताखेड़ी के हार में स्थित धनराज प्रजापति के खेत के पास एक नाले से बरामद किया गया था.नाले के किनारे नरकंकाल के साथ कुछ कपड़े भी मिले थे, जिससे यह संदेह उत्पन्न हुआ कि यह किसी इंसान के अवशेष हो सकते हैं.पुलिस ने तत्काल नरकंकाल को जब्त कर जांच शुरू की और पोस्टमार्टम कराने के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची.

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हालांकि, जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने यह कहते हुए पीएम करने से इनकार कर दिया कि नरकंकाल का पोस्टमार्टम केवल ग्वालियर में ही संभव है.इसके बाद देहात थाने की पुलिस टीम नरकंकाल को लेकर ग्वालियर रवाना हुई, लेकिन वहां भी उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा.ग्वालियर के डॉक्टरों ने यह कहकर पीएम करने से मना कर दिया कि श्योपुर से डॉक्टर साथ क्यों नहीं लाए.इस वजह से पुलिस टीम तीन दिनों तक नरकंकाल को लेकर परेशान और असमंजस की स्थिति में घूमती रही.

 

इस पूरी स्थिति पर जब मीडिया ने रिपोर्टिंग की और 28 मई के अंक में यह खबर प्रकाशित हुई कि “पीएम के लिए तीन दिन से नरकंकाल लेकर घूम रही देहात थाना पुलिस”, तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. इसके बाद जिला अस्पताल में पदस्थ लेडी डॉक्टर गायत्री मित्तल को निर्देशित किया गया कि वे ग्वालियर जाकर नरकंकाल का पोस्टमार्टम करें.डॉ. मित्तल ने तुरंत ग्वालियर पहुंचकर पीएम की प्रक्रिया पूरी की, जिससे पुलिस टीम ने राहत की सांस ली.

 

अब जबकि पोस्टमार्टम पूरा हो गया है, देहात थाना पुलिस ने नरकंकाल की पहचान करने और मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि पीएम की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद आगे की जांच तेजी से की जाएगी.फिलहाल पुलिस उन सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है, जिनसे यह स्पष्ट हो सके कि मृतक कौन था, उसकी मौत कैसे हुई और क्या इसमें किसी अपराध की आशंका है.

 

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