उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस की साख पर बट्टा लगाने वालों पर पुलिस अधीक्षक की कार्यवाही का लगातार चाभुक चल रहा है. इसी क्रम में दो पुलिसकर्मियों के द्वारा खरबूजा के ठेले से 20 रुपए के फ्री में खरबूजा लेना भारी पड़ गया है. पीड़ित खरबूजा दुकानदार का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए दोनों आरोपी पुलिस कर्मियों पर मामला दर्ज करते हुए पीड़ित दुकानदार को सांत्वना दी है. पहले वीडियो वायरल होने के बाद जहां पुलिस को लेकर लोग सवाल उठाए जा रहे थे. वहीं कार्रवाई के बाद लोग पुलिस अधीक्षक को न्याय प्रिय अधिकारी की संज्ञा दे रहे हैं.
हरदोई के पिहानी कोतवाली क्षेत्र के कस्बे से एक लखपत नाम के ठेला दुकानदार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें वह दो पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाते हुए, रोते हुए कह रहा कि पुलिस कर्मियों ने उसके ठेले से 20 रुपए के खरबूजे जबरदस्ती उठा लिए हैं. वहीं उसे दोनों पुलिसकर्मी रोजाना अपशब्द कह रहे हैं. इस डर से वह अपना ठेला भी सही तरीके से नहीं लगा पा रहा है.
‘रक्षक ही भक्षक’ लोगों ने लिया कमेंट
पीड़ित लखपत का वीडियो वायरल होने के बाद में सोशल मीडिया पर पिहानी के दोनों पुलिसकर्मियों को लेकर लोग तरह-तरह के कमेंट करने लगे. लोगों की तमाम राय आने के बाद कई लोगों ने ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जिसमें कुछ लोग ‘रक्षक ही भक्षक’ जैसी संज्ञा पुलिस को दे रहे थे. पूरे मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद हरदोई पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने स्वत: संज्ञान लिया है और पिहानी थाने जाकर पीड़ित से समस्या की जानकारी ली है.
पुलिस अधीक्षक ने की कार्रवाई
हरदोई के पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने पिहानी कोतवाली पहुंचकर पीड़ित दुकानदार लखपत से पूरे मामले को लेकर पूछताछ की और दोनों आरोपी पुलिस कर्मी अंकित कुमार व अनुज कुमार पर अभियोग पंजीकृत कराया. उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. साथ ही पूरे मामले की जांच को सौंपते हुए दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित दुकानदार को आश्वासन दिया कि उसे अब कोई परेशान नहीं करेगा और वह स्वतंत्रता से अपना ठेला लगा सकता है. पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई के बाद अब लोग एक अच्छे अधिकारी होने की उनकी तारीफ कर रहे हैं.
हरदोई के पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने कहा कि प्रथम दृष्टया दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं. मामले की जांच के आदेश करते हुए पीड़ित को भी सांत्वना दी गई है. हमें मित्र पुलिस की तरह व्यवहार करने की जरूरत है. यही आदेश सभी पुलिसकर्मियों को जारी किया गया है.