दिल्ली में ऑनलाइन डिलिवरी पोर्टल चलाने वाले एक कॉलेज स्टूडेंट को पुलिस वाले उठाकर ले गए और फेक ओटीपी फ्रॉड नेटवर्क चलाने के आरोप में फंसाने की धमकी देकर उससे 19 लाख रुपये वसूल कर लिए. अब इस मामले में एक एसआई रैंक के अधिकारी समेत तीन पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया है.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि बीते हफ्ते तीन पुलिसकर्मियों, सब-इंस्पेक्टर ब्रिजेश रेढू और हेड कांस्टेबल सतीश कुमार और अनिल यादव के खिलाफ जबरन वसूली और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
ये पुलिसकर्मी पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर में साइबर पुलिस स्टेशन में तैनात थे. शिकायत के अनुसार, घटना पिछले साल मार्च में हुई थी, जब शिकायतकर्ता को उसकी ऑनलाइन डिलिवरी कंपनी द्वारा कथित तौर पर धोखाधड़ी के एक मामले के सिलसिले में हरि नगर के साइबर पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था.
पुलिसकर्मियों पर पीटने का भी आरोप
पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा कि वह अपने भाई और एक दोस्त के साथ पुलिस स्टेशन गया था जहां आरोपी पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उन्हें फर्जी ओटीपी धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी. पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया और शिकायतकर्ता की प्रेमिका की तस्वीर पर भी अभद्र टिप्पणियां कीं, जो उसके मोबाइल फोन में थी. पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें करीब आधे घंटे तक पीटा.
पुलिसकर्मियों ने मांगे थे 25 लाख रुपये
डिलिवरी एप चलाने वाले ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने उन्हें रिहा करने के लिए कथित तौर पर 25 लाख रुपये की मांग की. अगले दिन जब शिकायतकर्ता के पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई तो पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनसे पैसे देने के लिए कहा. पीड़ित ने अपनी मां और भाई के क्रेडिट और डेबिट कार्ड से करीब 19.5 लाख रुपये जुटाकर पुलिसवालों को दे दिए. अधिकारी ने बताया कि इस मामले की विजिलेंस जांच शुरू की गई और उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई. अब आगे की जांच चल रही है. पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी के मामले की भी जांच की जा रही है.