पुलिसकर्मियों ने 2 बच्चियों को टॉर्चर कर बंधुआ मजदूरी कराई:बिलासपुर पुलिस-क्वार्टर में 6 महीने बंधक रहीं जशपुर की लड़कियां,बोलीं-काम कराने के बाद पीटते थे

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पुलिसकर्मियों ने दो बच्चियों से बंधुआ मजदूरी कराकर टॉर्चर किया। जशपुर जिले की दो नाबालिग बच्चियों को पढ़ाई का झांसा देकर लाया गया, फिर पुलिसकर्मियों के क्वार्टर में नौकरानी की तरह काम करवाया गया। घर का पूरा काम करने के बावजूद बच्चियों को डराकर, धमकाकर रखा गया।

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उनके साथ मारपीट की गई। इस बीच रविवार की रात किसी तरह दोनों बच्चियां वहां से भागने में सफल रहीं। अभी उन्हें सखी सेंटर में रखा गया है। जहां बच्चियों को बंधक बनाकर गया था, वो दोनों कॉन्स्टेबल हैं। मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है।

अब जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, जशपुर निवासी 13 साल और 16 साल की दो बच्चियों को उनके कथित रिश्तेदार पढ़ाई कराने की बात कहकर 6 महीने पहले सिरगिट्‌टी क्षेत्र के तिफरा स्थित पुलिस क्वार्टर में लेकर पहुंचे। जहां बंधक बनाकर रखा गया। उनके कथित रिश्तेदार सुधीर कुजूर और अरूण लकड़ा पुलिसकर्मी हैं।

पुलिस क्वार्टर में इन बच्चियों से झाड़ू-पोंछा, बर्तन की सफाई समेत पूरा काम कराया जाता था। मारपीट और डांट-फटकार लगाकर काम करने के लिए डराते थे। कथित रिश्तेदारों के साथ करीब 6 महीने तक रहने के बाद प्रताड़ित दोनों बच्चियां रविवार को किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भाग निकलीं।

बच्चियों को रोती देखकर लोगों ने पुलिस को बुलाया

रविवार की रात बच्चियां तोरवा थाना क्षेत्र के लालखदान पहुंची, जब दोनों मोबाइल दुकान आई, तब उन्हें डरी-सहमी देखकर लोगों की भीड़ जुट गई। पूछताछ में बच्चियों ने आप बीती सुनाई। जिसके बाद उन्होंने चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला बताकर तोरवा पुलिस को घटना की जानकारी दी।

इस दौरान बच्चियों से पूछताछ कर उन्हें सुरक्षा के लिहाज से सखी सेंटर भेजा गया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उनके परिजन को भी बुलाया है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने दोनों बच्चियों का बयान दर्ज किया जाएगा। जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

चाइल्ड ट्रैफिकिंग की आशंका, पुलिस कर रही जांच

बच्चियों ने पूछताछ के बाद स्थानीय युवकों ने इसे चाइल्ड ट्रैफिकिंग का केस होने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि, जशपुर में बच्चियों को बेचने का मामला आए दिन आता है। इन बच्चियों के साथ भी इसी तरह की घटना होने की आशंका है। युवकों ने इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

मामा बोला- पढ़ाने के लिए लेकर आए थे

बच्चियों के घर छोड़कर जाने की जानकारी मिलते ही पुलिसकर्मी अरूण लकड़ा भी मौके पर पहुंच गया। उसने बताया कि, वो बच्ची को उसके पापा के कहने पर पढ़ाने के लिए लेकर आया था। उसने पढ़ाई कराने और ओपन एग्जाम दिलाने की बात कही। उसने बच्ची के साथ मारपीट की घटना और टार्चर करने वाली बात से इनकार किया है।

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