इटावा : उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में, बकेवर थाना क्षेत्र में आज पुलिस ने एक बड़ी हिंसा और आगजनी की साजिश को नाकाम कर दिया.त्वरित कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने एक उग्र भीड़ को तितर-बितर किया और 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.इस दौरान 12 मोटरसाइकिलें और एक कार भी जब्त की गई. गिरफ्तारियां भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत की गई हैं, जिनमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक कानूनों से संबंधित धाराएं शामिल हैं.
घटना की शुरुआत तब हुई जब बकेवर थाने के प्रभारी निरीक्षक भूपेन्द्र सिंह राठी अपनी टीम के साथ क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने, वांछित वारंटियों की तलाश करने और गश्त करने के लिए निकले थे.उन्हें गुप्त सूचना मिली कि लगभग 100-150 लोग लुधियानी-निवारी कलां मार्ग पर ताड़वा काछियान गांव के पास एकत्रित हो रहे हैं.
इन व्यक्तियों को इंडियन रिफार्मर्स ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन यादव द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए आह्वान पर उकसाया गया था.ये लोग दादरपुर गांव में ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ प्रतिशोध लेने की योजना बना रहे थे, जहां कुछ समय पहले एक भागवत कथावाचक, मुकुट सिंह यादव, की चोटी काट दी गई थी.भीड़ का इरादा दादरपुर में घुसकर हिंसा, तोड़फोफोड़ और आगजनी करने का था.
सूचना की गंभीरता को देखते हुए, प्रभारी निरीक्षक राठी ने तत्काल अपनी टीम और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया.महेवा और अहेरीपुर चौकियों से अतिरिक्त पुलिस बल, उप-निरीक्षक किशनपाल सिंह और मानसिंह के नेतृत्व में, भरथना और लवेदी थानों से भी बल के साथ, घटनास्थल के लिए रवाना किया गया.
दोपहर करीब 1:30 बजे, पुलिस बल ताड़वा काछियान गांव के पास बताए गए स्थान पर पहुंचा। वहां उन्होंने देखा कि लगभग 100-150 लोग लाठी-डंडों और पत्थरों से लैस थे और उन्होंने अपने वाहनों को सड़क के बीचों-बीच खड़ा करके मार्ग को अवरुद्ध कर रखा था.भीड़ ब्राह्मण समुदाय के लोगों का जातिगत नाम लेकर जोर-जोर से नारे लगा रही थी और गालियां दे रही थी, जिससे स्पष्ट हो रहा था कि वे दादरपुर गांव की ओर हिंसा करने के इरादे से बढ़ रहे थे.
प्रभारी निरीक्षक राठी और उनकी टीम ने लाउडस्पीकर का उपयोग करते हुए उग्र भीड़ को समझाने और उन्हें रुकने का भरसक प्रयास किया.बार-बार चेतावनी देने के बावजूद, भीड़ ने पुलिस की बात नहीं मानी.वे अपने नेता गगन यादव के कथित आह्वान से और अधिक उग्र हो गए, जो कथित तौर पर यह कह रहा था कि “चाहे पुलिस को पीटना पड़े या कुछ भी करना पड़े, हम दादरपुर गांव पहुंचकर चोटी काटने वालों को सबक सिखा कर रहेंगे.
भीड़ ने पुलिस के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया, नारेबाजी की और आक्रामक होकर पत्थर और ईंटें फेंकना शुरू कर दिया, जिसका इरादा पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट पहुंचाना था। सौभाग्य से, पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए, लेकिन एक सरकारी वाहन, टाटा सूमो गोल्ड (UP-75-G-0277), पथराव में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
इसके बाद, पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आवश्यक बल का प्रयोग किया.कई लोग अपने वाहनों के साथ भाग गए, जबकि अन्य अपने वाहन छोड़कर खेतों और पास के गांवों में भागने लगे.इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई, और उन्होंने डर के मारे अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए.
पुलिस ने अपनी तत्परता दिखाते हुए भीड़ में से 19 लोगों को घेरकर सफलतापूर्वक पकड़ लिया। उनकी तलाशी लेने पर 16 मोबाइल फोन और अन्य व्यक्तिगत सामान बरामद हुए.गिरफ्तार किए गए लोगों में सौरभ यादव, शिवम यादव, अंकित सिंह, हरेन्द्र यादव, हिमांशु यादव, ऋषभ यादव, अर्पित कुमार, शिवम यादव, अंकित सिंह, उत्कर्ष यादव, अतुल यादव, हीरेन्द्र मोहन प्रताप सिंह दोहरे, लकी यादव, रजित कुमार, अशोक बाबू, अनुज यादव, दीपक राठौर, शिवम यादव और अभिषेक कुमार शामिल हैं, जिनकी उम्र 18 से 46 वर्ष के बीच है और ये इटावा, भिंड (म.प्र.) और औरैया जिलों के विभिन्न स्थानों से हैं.
भीड़ की इस कार्रवाई से सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को काफी असुविधा हुई.लोगों को अनावश्यक रूप से रोका गया, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा.इस घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों के लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे। क्षेत्र में डर और भय का माहौल व्याप्त हो गया था, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई.
गिरफ्तार किए गए लोगों को उनके खिलाफ दर्ज धाराओं की जानकारी दी गई और रात करीब 9:00 बजे उन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया गया.पकड़े गए व्यक्तियों के कब्जे से एक टाटा सफारी कार और तीन मोटरसाइकिलें (बजाज पल्सर, ग्लेमर और हीरो स्प्लेंडर) जब्त की गईं.इसके अतिरिक्त, मौके पर दंगाइयों द्वारा छोड़ी गई नौ और मोटरसाइकिलें भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लीं.
पुलिस ने सुनिश्चित किया कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया के दौरान सभी नियमों और दिशानिर्देशों, जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी आदेश भी शामिल हैं, का अक्षरशः पालन किया गया.गिरफ्तारी के दौरान और बरामदगी के समय, पुलिस ने आने-जाने वाले व्यक्तियों से गवाह बनने का अनुरोध किया, लेकिन वे डर के कारण बिना नाम बताए चले गए.
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के परिवारों को उचित माध्यम से सूचित किया जाएगा, और जब्त किए गए वाहनों को थाने भेजा जा रहा है.पूरी रिपोर्ट घटनास्थल पर ही लैपटॉप पर टाइप की गई और इसकी एक प्रति गिरफ्तार किए गए लोगों में से सौरभ यादव को उनकी सहमति से प्रदान की गई.