गोंडा में इंसाफ की दरख्वास्त पर पुलिस का बेरहम रवैया: रेप पीड़िता की तहरीर फाड़ी, चौकी से भगाया, थाने में भी टरकाया

गोंडा : उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर किए जा रहे तमाम सरकारी दावों को गोंडा जिले की छपिया पुलिस ने शर्मसार कर दिया है. रेप जैसे जघन्य अपराध में पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह पुलिस ने उसकी फरियाद को रौंद डाला. पहले मसकनवा चौकी इंचार्ज ने पीड़िता की मां की तहरीर फाड़ दी और चौकी से भगा दिया, फिर छपिया थानेदार ने केवल आश्वासन देकर मामले को टाल दिया.

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पूरा मामला छपिया थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां 15 वर्षीय किशोरी के साथ खेत में आम की रखवाली के दौरान एक दबंग युवक ने बलात्कार किया. पीड़िता ने रोते हुए घर पहुंचकर आपबीती सुनाई. मां ने हिम्मत जुटाकर पहले मसकनवा चौकी का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां की पुलिस ने न्याय की बजाय अपमान थमा दिया.

 

तहरीर फाड़कर चौकी से निकाले जाने के बाद मां छपिया थाने पहुंची, जहां भी थानेदार ने कार्रवाई की जगह सिर्फ दिलासा देकर चलता कर दिया। थानेदार ने मौके का मुआयना जरूर किया, लेकिन कोई FIR दर्ज नहीं की गई. दबंग के डर और पुलिस की बेरुखी से परेशान पीड़िता और उसकी मां अब एसपी विनीत जायसवाल और जिलाधिकारी नेहा शर्मा के दरवाजे पर पहुंची हैं.

एसपी ने मामले में कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन यह सवाल अब भी खड़ा है कि आखिर पीड़िता को इतनी ठोकरें खाने पर क्यों मजबूर होना पड़ा? जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बार-बार अफसरों को निर्देश दे रहे हैं कि पीड़ितों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो.

अब देखना यह है कि डरी-सहमी नाबालिग को इंसाफ कब और कैसे मिलेगा. क्या गोंडा पुलिस की खाकी वर्दी पर लगे इस दाग को कोई जवाबदेही मिटा पाएगी?

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