जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों के मारे जाने के बाद पूरा देश गुस्से की आग में जल रहा है. इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में हिंदूवादी संगठनों ने शुक्रवार को जन आक्रोश रैली का आयोजन किया था. इसी रैली में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे. इस दौरान किसान नेता से अभद्रता का मामला सामने आया है. इस घटना से नाराज BKU अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शनिवार को मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में आपातकालीन महापंचायत बुलाने की घोषणा की है.
नरेश टिकैत ने कहा, घटना को अंजाम देने वाले लोग कहीं के भी हो सकते हैं, पर हम अपने इतिहास पर दाग नहीं लगने देंगे. हम कमजोर नहीं हैं, पर जिम्मेदारी बड़ी है. की महापंचायत में सब सामने आ जाएगा.
क्या था पूरा मामला?
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. हालांकि, उनकी उपस्थिति को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया, जिन्होंने उन्हें सभा को संबोधित करने से रोक दिया गया. रैली में टिकैत के पहुंचने पर भीड़ का एक हिस्सा उत्तेजित हो गया, जिसके कारण टिकैत वहां से चले गए. जब वह जा रहे थे, तभी हाथापाई हुई और उनकी पगड़ी जमीन पर गिर गई.
पुलिस अधीक्षक ने दी सफाई
पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने घटना पर सफाई देते हुए कहा कि राकेश टिकैत पर डंडों से हमला करने की खबरें गलत हैं. उन्होंने पुष्टि की है कि रैली में कुछ लोगों ने भाकियू नेता का विरोध किया और उन्हें परेशान किया और धक्का-मुक्की के दौरान उनकी पगड़ी गिर गई.
ये एक राजनीतिक साजिश- टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने घटना की निंदा करते हुए इसे किसान आंदोलन को दबाने के लिए एक विशेष राजनीतिक दल की साजिश बताया है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ कुछ युवकों को भेजा गया था और जो लोग परेशान कर रहे थे, उनमें से कुछ शराब के नशे में थे.
टिकैत ने घोषणा की कि किसान आतंकवाद के विरोध में ट्रैक्टर मार्च भी निकालेंगे. मार्च की तारीख आने वाले दिनों में तय की जाएगी. उन्होंने केंद्र सरकार से जनता के गुस्से को शांत करने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया.
टिकैत के समर्थन में उतरे अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि बीजेपी ने किसी एक किसान नेता की ही नहीं बल्कि हर एक किसान की पगड़ी उछाली है. परम आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी ने जीवन भर किसानों के मान-सम्मान की जो लड़ाई लड़ी, ये हमला उनकी उन ऐतिहासिक कोशिशों पर भी हुआ है.
आगे लिखा कि इससे ग़ाज़ीपुर बार्डर से ग़ाज़ीपुर तक उप्र का हर किसान आंदोलित है. कोई और भले लाठी का वार और तिरस्कार भूल जाए, सच्चा किसान कभी नहीं भूलेगा. निंदनीय! किसान कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!