तेल से मालामाल खाड़ी देश कुवैत में नया राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. कुवैत के अमीर शेख ने शुक्रवार को देश की संसद को भंग कर दिया. कुवैती मीडिया के मुताबिक अमीर ने संसद भंग करने के बाद कुछ सरकारी विभागों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. इसके अलावा अमीर ने देश के कुछ कानूनों को भी भंग कर दिया है.
कुवैत न्यूज एजेंसी KUNA के मुताबिक राष्ट्रीय संसद को भंग करने और संविधान के कुछ लेखों को चार साल से ज्यादा के लिए निलंबित करने के अमीर ने आदेश जारी किए है. इसमें आगे लिखा गया है कि अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर राष्ट्रीय संसद को अपने हाथों में ले रहे हैं.
अमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई विभागों में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है. अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है. साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है.
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है. देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है. इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं. कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है, लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा शक्तिशाली मानी जाती है.