डीडवाना-कुचामन: पंचायती राज और नगर निकायों के परिसीमन को लेकर जिले के लाडनूं विधानसभा क्षेत्र में सियासत तेज हो गई है. लाडनू से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने इस मुद्दे पर खुलकर आपत्ति जताई और भाजपा नेताओं पर अधिकारियों पर दबाव बनाकर मनमर्जी से वार्डों व ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का आरोप लगाया है. इस संदर्भ में उन्होंने डीडवाना-कुचामन जिले के कलेक्टर पुखराज सेन से मुलाकात कर नियमानुसार परिसीमन की मांग की.
कलेक्टर से की निष्पक्ष परिसीमन की मांग
विधायक मुकेश भाकर ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि परिसीमन प्रक्रिया किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त होनी चाहिए और इसके लिए स्पष्ट मापदंड तय किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता के बीच परिसीमन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका वार्डों का पुनर्गठन पारदर्शिता और निष्पक्षता के आधार पर किया जाए.
भाजपा नेताओं पर लगाया गंभीर आरोप
विधायक भाकर ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं और अपने हिसाब से परिसीमन करवा रहे हैं. उन्होंने इस प्रक्रिया को लोकतंत्र के लिए घातक बताया और कहा कि प्रशासन को इस दबाव में आए बिना निष्पक्ष तरीके से परिसीमन करना चाहिए.
मीडिया से की बातचीत
मीडिया से बातचीत में विधायक मुकेश भाकर ने स्पष्ट किया कि परिसीमन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर ने इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाया है और कहा है कि परिसीमन को लेकर जो भी आपत्तियां हैं, उन्हें दर्ज किया जाएगा और सरकार तक पहुंचाया जाएगा.
जनता को दिलाया भरोसा
विधायक ने जनता को भरोसा दिलाया कि वे उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं और किसी भी प्रकार के अन्याय को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने प्रशासन से अपील की कि परिसीमन को लेकर जनता के सुझावों और आपत्तियों को प्राथमिकता दी जाए ताकि कोई भी नागरिक इससे वंचित महसूस न करे.
पंचायती राज और नगर निकायों के परिसीमन का यह मुद्दा अब सियासी रंग पकड़ता जा रहा है. जहां एक ओर कांग्रेस विधायक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा पर मनमानी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है.