मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है. इस बार मामला ज्योतिरादित्य सिंधिया के इर्द-गिर्द घूम रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बयानों से भाजपा नेता सिंधिया नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिग्विजय और कमलनाथ की राजनीति और रिश्ते को कोई आसानी से समझ नहीं सकता.
पटवारी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच छोटे भाई और बड़े भाई जैसी समझ है. “कभी-कभी दोनों के बीच मतभेद दिख सकते हैं, लेकिन उनकी केमिस्ट्री बहुत गहरी है, जिसे कोई बाहर वाला नहीं समझ पाएगा,” उन्होंने कहा. इस बयान से साफ है कि कांग्रेस अपने दिग्गज नेताओं के बीच किसी तरह की खींचतान की बात को हल्के में लेना चाहती है.
उधर, भाजपा इस पूरे मामले को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमलावर है. भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस में आंतरिक कलह है, और यही कारण है कि उनके बड़े नेता एक-दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं. सिंधिया समर्थक भी कांग्रेस नेताओं के बयानों को लेकर सख्त नाराजगी जता रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस अभी संगठनात्मक मजबूती की राह तलाश रही है. ऐसे में पार्टी के भीतर इस तरह के बयानबाजी से कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जा सकता है. हालांकि, जीतू पटवारी ने साफ कर दिया कि दिग्विजय और कमलनाथ दोनों वरिष्ठ नेता हैं और उनकी आपसी समझ लंबे राजनीतिक अनुभव का हिस्सा है.
कुल मिलाकर, मध्य प्रदेश की राजनीति में यह विवाद एक बार फिर इस बात का संकेत देता है कि कांग्रेस को अपनी अंदरूनी एकजुटता दिखाने की जरूरत है, ताकि विपक्ष इसे कमजोर कड़ी के रूप में इस्तेमाल न कर सके.