महाराष्ट्र चुनाव में महायुति के हाथों महा विकास अघाड़ी गठबंधन की करारी हार के बाद शरद पवार ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नतीजे वैसे नहीं रहे, जैसा हम उम्मीद कर रहे थे. लेकिन जनता ने अपना फैसला सुना दिया है, जिसे स्वीकार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. राजनीति से संन्यास के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, ‘मेरे विपक्षी इसका फैसला नहीं करेंगे, मुझे क्या करना चाहिए इसके बारे में मैं और मेरे सहयोगी फैसला करेंगे.’
बता दें, शरद पवार ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान के दौरान बारामती में भतीजे युगेंद्र पवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजनीति से संन्यास का संकेत दिया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं सत्ता में नहीं हूं. मैं राज्यसभा में हूं और आखिरी डेढ़ साल बाकी हैं. मैं अब तक 14 चुनाव लड़ चुका हूं. मैं और कितने चुनाव लड़ूंगा? आपने मुझे हर बार चुनाव जिताया है, नई पीढ़ी को आगे लाने के लिए मुझे कहीं तो रुकना पड़ेगा.’
EVM पर दोष मढ़ने के लिए मेरे पास सबूत नहीं: शरद पवार
एमवीए की हार के बाद शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस द्वारा ईवीएम पर संदेह जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, ‘मैंने कुछ सहयोगियों को इस बारे में बात करते हुए सुना, लेकिन मेरे पास ईवीएम में दिक्कत थी इसका प्रमाण नहीं है. इसलिए ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा.’ महाराष्ट्र चुनाव में नकदी के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा, ‘मैंने लोगों से सुना है, धन-बल का ऐसा प्रयोग पहले कभी नहीं देखा गया.’
महाराष्ट्र जानता है NCP का संस्थापक कौन है: शरद पवार
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, ‘जिस तरह से यूपी के सीएम ने टिप्पणी की उससे साफ है कि बीजेपी चुनाव में ध्रुवीकरण करना चाहती थी.’ यह पूछे जाने पर कि इस चुनाव में अजित पवार ने साबित कर दिया कि असली एनसीपी उनके पास है, शरद पवार ने कहा, ‘मैं स्वीकार करता हूं कि अजित पवार को हमसे अधिक सीटें मिली हैं, लेकिन महाराष्ट्र जानता है कि एनसीपी का संस्थापक कौन है.’
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुकाबला दो गठबंधनों- महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच था. महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल थीं. वहीं, एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी शामिल थीं. महायुति ने 233, एमवीए ने 49 और अन्य ने 6 सीटें जीतीं. महायुति में- बीजेपी ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी 41 सीटें जीतने में कामयाब रहीं. वहीं, एमवीए में- शिवसेना यूबीटी 20, कांग्रेस 16 और एनसीपीएसपी 10 सीटों पर सिमट गईं.