ओबीसी आरक्षण पर फिर गरमाई सियासत, मध्य प्रदेश सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

मध्य प्रदेश में एक बार फिर ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। राज्य सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर 5 अगस्त को सुनवाई तय की गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग को उनका पूरा हक देने के लिए यह जरूरी कदम उठाया गया है।

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विपक्ष ने बताया दिखावा, सरकार पर लगाया आरोप
कांग्रेस ने इसे महज एक राजनीतिक दिखावा बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण पर कोई रोक नहीं लगाई है, तो सरकार इसे लागू क्यों नहीं कर रही? उन्होंने सरकार पर ओबीसी वर्ग को सिर्फ वादों में उलझाने का आरोप लगाया।

अब भी पुराना 14 प्रतिशत आरक्षण लागू
वर्तमान में प्रदेश में नियुक्तियां पुराने 14 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर ही की जा रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकार असल में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में नहीं है, इसलिए कोर्ट के नाम पर केवल बहाना बना रही है।

मानसून सत्र में गरमा सकता है मुद्दा
विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में इस मुद्दे को विपक्ष जोरशोर से उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ संवैधानिक नहीं बल्कि सामाजिक न्याय का सवाल है, जिसे हर हाल में उठाया जाएगा।

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