संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पार्लियामेंट परिसर में हुए धक्काकांड को लेकर सियासत जारी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. इस बीच शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत का बयान आया है. राउत ने धक्काकांड के बाद चोटिल सांसदों को लेकर कटाक्ष किया है. संजय राउत ने कहा कि भाजपा सांसद अस्पताल में लेटकर कितनी अच्छी एक्टिंग करते हैं. सांसदों ने कितना अच्छा परफॉरमेंस दिया है.
‘वे फर्जी मामले दर्ज करते हैं’
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के मामलों (भाजपा की शिकायत और कांग्रेस की शिकायत) को अपराध शाखा को सौंपे जाने पर यूबीटी नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी सरकार इस मामले को ED और FBI को दे सकती है, क्योंकि वे कुछ भी कर सकते हैं, वे फर्जी मामले दर्ज करते हैं.
‘शिवसेना को मुंबई नगर निगम का चुनाव लड़ना चाहिए’
यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा, पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि शिवसेना को मुंबई नगर निगम का चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद उद्धव ठाकरे फैसला लेंगे. इसका मतलब यह नहीं कि महाविकास अघाड़ी टूट गयी है. इससे पहले जब हम बीजेपी के साथ थे तब भी हम अलग-अलग चुनाव लड़ चुके हैं.
देवेंद्र फडणवीस पर निशाना
संजय राउत ने अर्बन नक्सल वाले बयान पर सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस झूट बोलते हैं. मैं कहूं तो अच्छा नहीं लगेगा. लेकिन हाथ में कागज लेकर झूठ बोलना यह फडणवीस की आदत है. उन्होंने शुक्रवार को सदन में झूठ बोला. राउत ने कहा कि वे अर्बन नक्सल की बात करते हैं, लेकिन भारत छोड़ो यात्रा में सभी समाज के लोग शामिल थे. लेकिन इनका कहना है कि काठमांडू में मीटिंग हुई तो यह पीएम का फेल्योर है. यह बस स्टंट बनाने का काम कर रहे हैं.
सांसद राउत ने कहा कि काठमांडू को एक समय पर हिंदू राष्ट्र कहते थे. लेकिन वह अब नेपाल के पास चला गया. चीन ने अलग-अलग जगह कब्जा कर लिया. बांगलादेश में हिंदूओं की जान जा रही है. यह सब लोग खुद को हिंदू बताते हैं. ये सब फर्जी हैं. अगर इनमें दम होता तो वहां जाकर अपना परचम लहराते.
महाराष्ट्र सरकार में क्या हो रहा समझना मुश्किल?
महाराष्ट्र को लेकर राउत ने कहा, सरकार में क्या हो रहा है, यह समझना मुश्किल है. सरकार (महायुति सरकार) बन गई है लेकिन अभी तक कोई पोर्टफोलियो आवंटित नहीं किया गया है. कानून और व्यवस्था के बहुत सारे मुद्दे हैं. कौन जवाबदेह है? इतना बहुमत होने के बावजूद इतनी देरी क्यों हो रही है.