राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब और दानी गर्ल्स स्कूल–डिग्री गर्ल्स कॉलेज मार्ग पर बनाई जा रही चौपाटी को लेकर विवाद बढ़ गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल और बूढ़ापारा नागरिक विकास समिति के सदस्य डॉक्टर अजीत डेग्वेकर ने डिप्टी सीएम अरुण साव और पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर चौपाटी को फौरन हटाने की मांग की है। जबकि महापौर पहले की काम बंद करवा चुकी हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि चौपाटी बच्चों की सुरक्षा और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा है। यहां आने वाले छात्र-छात्राओं और आसपास के रहवासियों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है। कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि बूढ़ातालाब और बूढ़ा गार्डन रायपुर की ऐतिहासिक धरोहर हैं। यहां सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोग योग, मॉर्निंग वॉक और अन्य गतिविधियों के लिए आते थे। लेकिन चौपाटी निर्माण से वातावरण असंतुलित हो रहा है और स्थानीय लोग परेशान हैं।
जलभराव क्षेत्र से 15 मीटर के दायरे में किसी तरह का निर्माण संभव नहीं
डॉ. डेग्वेकर ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जलभराव क्षेत्र से 15 मीटर के दायरे में किसी तरह का निर्माण संभव नहीं है। बावजूद इसके चौपाटी बन रही है, जिससे तालाब प्रदूषित होगा और जीव-जंतु भी प्रभावित होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निर्माण नहीं रोका गया तो तालाब का पर्यावरण और ऐतिहासिक महत्व दोनों नष्ट हो जाएंगे।
डिप्टी सीएम ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस मामले पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आश्वासन दिया कि वे निगम आयुक्त से चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। वहीं, महापौर मीनल चौबे पहले ही चौपाटी निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दे चुकी हैं और हाल ही में दुकानों को सील भी कराया है। उन्होंने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा और पर्यावरण बचाने के लिए यह जरूरी कदम है।
15–20 सालों में कई बार चौपाटी निर्माण का प्रयास
ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने लिखा कि पिछले 15–20 सालों में कई बार चौपाटी निर्माण का प्रयास हुआ, लेकिन हर बार जनविरोध के कारण योजनाएं वापस लेनी पड़ीं। बावजूद इसके अब निजी कंपनी को तालाब क्षेत्र सौंपकर दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि छात्राओं और आसपास के परिवारों की सुरक्षा के लिए चौपाटी को तत्काल हटाना जरूरी है। साथ ही बूढ़ातालाब जैसे धरोहर स्थल को व्यवसायिक केंद्र में बदलना भविष्य के लिए खतरनाक साबित होगा।