देश में वन नेशन, वन इलेक्शन की बीते कुछ दिनों से खूब चर्चा है. इससे जुड़े दो विधेयक सोमवार को लोकसभा में भी पेश किया जाने वाला था. अब बताया जा रहा है कि दोनों विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं किए जाएंगे. संशोधित कार्यसूची से बिल को हटा दिया या है.
इससे पहले शुक्रवार को जारी की गई कार्यसूची में कहा गया था कि बिल को सोमवार को लोकसभा में रखा जाएगा. अभी कारण स्पष्ट नहीं कि सरकार ने सोमवार को बिल न लाने का फैसला क्यों किया और अब किस दिन लाया जाएगा. हालांकि, लोकसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है.
सरकार ने बिल लाने में की देरी
सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर आधारित विधेयकों को लोकसभा में पेश करने में डिले कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, ये विधेयक वित्तीय व्यवसाय के पूरा होने के बाद सदन में लाए जा सकते हैं. पहले ये विधेयक, संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए लिस्ट किए गए थे.
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संशोधित सूची में इन विधेयकों को सोमवार के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है. हालांकि, लोकसभा स्पीकर की इजाजत के बाद सरकार बिल को सप्लीमेंट्री लिस्टिंग के माध्यम से सदन में आखिरी समय में भी पेश कर सकती है.
क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन बिल?
ये दोनों विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के से संबंधित है. पिछले सप्ताह नियमों के मुताबिक इन विधेयकों की प्रतियां सदस्यों के बीच बांटी गई थीं.
अभी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जो कि 20 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा. इसके पहले, सरकार पहले बैच की पहले की मांग को पारित करने पर फोकस करना चाहती है, जो सोमवार के लिए लिस्टेड हैं.
इस कदम से यह स्पष्ट है कि सरकार एक बड़े और विवादित मुद्दे ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर और भी विचार करना चाहती है. यह एक साथ चुनाव कराने की दिशा में बड़ा कदम होने वाला है, जाहिर है इसको लेकर बातचीत होगी.