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‘पड़ोसी से अच्छे रिश्ते कौन नहीं चाहता लेकिन…’, कश्मीर से राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को दो टूक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को जम्मू कश्मीर के बनिहाल में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर हमला किया और कहा कि भारत कभी आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगाए तो भारत उसके साथ बातचीत करने के लिए तैयार है.

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राजनाथ सिंह ने यह बात रामबन जिले के एक चुनावी रैली में कही, जहां वे बीजेपी उम्मीदवार मोहम्मद सलीम भट के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को समाप्त करना और क्षेत्र को संपन्न बनाना था.

राजनाथ सिंह ने कहा, “हम किसी भी हालत में आतंकवादी गतिविधियों को स्वीकार नहीं करेंगे. कुछ लोग पाकिस्तान के साथ बातचीत की बात करते हैं. मैं कहता हूं कि पाकिस्तान एक काम करे, आतंकवाद का सहारा लेना बंद करे. कौन नहीं चाहेगा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध बेहतर हों? हम बेहतर संबंध बनाना चाहते हैं, लेकिन पहले उन्हें आतंकवाद बंद करना चाहिए. उसके बाद हम बात करेंगे…”

रक्षा मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान एक काम करे, वो है आतंकवाद का समर्थन बंद करना. कौन नहीं चाहेगा कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बेहतर हों? लेकिन सबसे पहले उन्हें आतंकवाद बंद करना होगा.” उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करेगा, तब भारत उनसे वार्ता शुरू करेगा.

राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के शिकारों में 85 फीसदी मुसलमान थे. उन्होंने कहा, “आतंकवादी घटनाएं कश्मीर में सामान्य होती गईं. क्या हिंदू लोग इन आतंकवादी घटनाओं में मारे गए? मैं गृह मंत्री रहा हूं और मैं जानता हूं कि आतंकवादी घटनाओं में सबसे ज्यादा मुसलमानों की जान गई.”

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोगों को भारत में शामिल होने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा, “हम आपको अपना मानते हैं, जबकि पाकिस्तान आपको विदेशी समझता है.” उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में भारी बदलाव हुआ है.

उन्होंने कहा, “बीजेपी को समर्थन दें ताकि हम इस क्षेत्र में व्यापक विकास कर सकें. PoK में लोग इसे देखकर कहें कि हम पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते और भारत जाना चाहते हैं.”

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