राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर अब नया विवाद उठ गया है. हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने दरगाह के सर्वेक्षण की मांग की है. उनका दावा है कि यह दरगाह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की कब्र नहीं बल्कि शिव मंदिर थी. मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. हालांकि इस दावे पर दरगाह कमेटी के लोगों ने अपत्ति जताई और कहा गया कि ये गलत है, ये मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है. अब बिहार में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अजमेर दरगाह मुद्दे को लेकर गिरिराज ने क्या कहा?
Delhi: Union Minister Giriraj Singh says, "The government there has succumbed to the pressure of extremists. Now, there is no difference between the governments of Pakistan and Bangladesh. The Indian government has issued a strong warning, and I said this yesterday as well. I… pic.twitter.com/yAJAiLFxhT
— IANS (@ians_india) November 28, 2024
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिंदुस्तान में आज की स्थिति के लिए पंडित नेहरू को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अजमेर में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है तो इसमें दिक्कत क्या है? ये सच है जब मुगल आए थे तो हमारा मंदिर तोड़ा था. अगर नेहरू के जरिए मंदिर को मस्जिद बनाने पर रोक लगा दी जाती तो आज हमें लड़ना नहीं पड़ता. वहीं राम गोपाल यादव के बयान पर कहा कि मुस्लिमों के नाम पर ये बस वोट चाहते हैं, बांग्लादेश में इन्होंने क्या किया?
दरअसल अजमेर शरीफ मुद्दे पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा था कि इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं, जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं. कोई मतलब नहीं है इसका. अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं. देश दुनिया से लोग वहां आते हैं. उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है. सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार मामले पर बोले
वहीं बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि वहां की सरकार चरमपंथियों के दबाव में झुक गई है. अब पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकारों में कोई अंतर नहीं है. भारत सरकार ने कड़ी चेतावनी जारी की है और मैंने कल भी यही कहा था. मैं आगे भी यही कहूंगा कि संयुक्त राष्ट्र को खासकर बांग्लादेश में इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
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