पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पूर्वोत्तर भारत में तेजी से हो रहे विकास की सराहना की और बुनियादी ढांचे में हो रहे लगातार सुधारों पर प्रकाश डाला. मणिपुर के हालात पर सिंधिया ने कहा कि हम वहां के सभी गुटों से लगातार बात कर रहे हैं. केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर समाधान तलाशने में जुटी है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्वोत्तर में हिंसा के मामलों में पिछले 10 सालों में खासी कमी आई है.
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की जटिलता को स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि यह स्थिति पिछले कुछ सालों में बनी है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति 25 से 40 सालों से बनी हुई है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकार मणिपुर में हिंसा के बीच समाधान खोजने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
सभी गुटों से बात कर रहेः सिंधिया
सिंधिया ने कहा, “केंद्र सरकार यह जानती है कि मणिपुर में पिछले साल, या 5 साल या पिछले 10 सालों में यह स्थिति नहीं बनी है. वहां पर पिछले 25 से 40 सालों से इस तरह की विकट स्थिति बनी हुई है. इसलिए यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे इस सरकार ने बनाया हो. हम वहां के सभी गुटों से लगातार बात कर रहे हैं और हम एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश में लगे हैं. केंद्र राज्य सरकार के साथ मिलकर मामले के समाधान खोजने को लेकर प्रतिबद्ध है.”
केंद्रीय संचार मंत्री सिंधिया ने कहा कि पिछले 10 सालों में इस क्षेत्र में संघर्ष की घटनाओं की संख्या में पहले की तुलना में करीब 80 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा, “यह कहना पूरी तरह से अनुचित और गलत है कि यह क्षेत्र संघर्ष में घिरा हुआ है. पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र में कभी भी इतना शांतिपूर्ण माहौल नहीं रहा. पिछले 10 सालों में हुई घटनाओं की संख्या में पहले की तुलना में करीब 80 फीसदी की कमी आई है.”
NE में तेजी से विकास हुआः सिंधिया
उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में हथियार डालकर भारत में विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वाले उग्रवादियों की संख्या में करीब 70 से 75 फीसदी की वृद्धि हुई है.” वह आगे कहते हैं, “पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में जितने समझौते और समझौते हुए हैं, वे शानदार और अभूतपूर्व हैं. सबसे अहम बात यह है कि इस क्षेत्र में जितना विकास और प्रगति हुई है, वह काबिलेतारीफ है.”
केंद्रीय मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में किए जा रहे अहम सुधारों पर प्रकाश डाला, जिसमें 16,000 किलोमीटर से अधिक लंबे नेशनल हाइवे का निर्माण और रेलवे, एयरपोर्ट तथा जलमार्गों का विस्तार भी शामिल है. उन्होंने कहा, “मैंने नॉर्थ ईस्ट इनवेस्टर समिट के लिए मुंबई में एक रोड शो किया, जिसमें मेरे साथ मंच पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल थे. उन्होंने अपने-अपने राज्यों में हाल के दिनों में हुए विकास को लेकर जो प्रभावशाली भाषण दिए, वे किसी मिसाल से कम नहीं हैं.
NE में 10 सालों में 5 हजार NH बनवाएः सिंधिया
सिंधिया ने कहा, “पिछले 10 सालों में, हमने लगभग साढ़े पांच हजार किलोमीटर नेशनल हाइवे बनाए हैं. जिस क्षेत्र में सिर्फ 10,000 किलोमीटर नेशनल हाइवे हुआ करता था, आज वहां 16,000 किलोमीटर नेशनल हाइवे हैं.” उन्होंने कहा, “पिछले 60 साल में यहां पर क्या कराया गया? क्षेत्र का 60 फीसदी काम तो पिछले 10 सालों में कराया गया है. पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 50,000 करोड़ रुपये की लागत से 45,000 किलोमीटर का निर्माण किया गया है.”
रेलवे को लेकर उन्होंने कहा, “अगर आप रेलवे को लेकर हुए काम को देखें, तो रेलवे ट्रैक बनाने की गति मोटे तौर पर 6.5 किलोमीटर हर महीने थी. लेकिन यह अब बढ़कर 19 किलोमीटर हर महीने हो गई है. साथ ही पिछले 10 साल में 2,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बनाए गए.” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में उनके पिछले कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में 9 एयरपोर्ट थे और आज इस क्षेत्र में 17 एयरपोर्ट हो गए हैं.
उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर में तीन से चार राज्य पहले से ही रेलवे से जुड़े हुए हैं और हम अगले दो से तीन सालों में अन्य राज्यों को भी जोड़ देंगे. इस क्षेत्र में रेलवे की 19 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी लागत करीब 88,000 करोड़ रुपये है.”
सिंधिया ने यह भी कहा, “एक समय हमारे पास पूर्वोत्तर में परिवहन के लिए एक ही जलमार्ग हुआ करता था. लेकन आज हमारे पास पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवहन के लिए 20 जलमार्ग हैं.”
पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत का विकास इंजनः सिंधिया
साथ ही केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने यह भी ऐलान किया कि भारत में दूसरा सेमीकंडक्टर फैक्टरी असम में स्थापित की जाएगी, जो इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में विकास और प्रगति में बहुत तेजी से हो रही है और यही कारण है कि पूर्वोत्तर में पहला सेमीकंडक्टर कारखाना असम में बन रहा है. भारत में दूसरा और पूर्वोत्तर में टाटा समूह के साथ पहला और करीब 27,000 करोड़ का निवेश किया जा रहा है. पिछले 6 महीनों में, हमने मुख्य निवेशक शिखर सम्मेलन से पहले 3 रोड शो किए हैं. अब इसे अगले साल मार्च या अप्रैल में आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. हमने बेंगलुरु, चेन्नई और कल मुंबई में रोड शो आयोजित किए हैं. और इन 3 रोड शो के जरिए हमने MoU और आशय पत्रों के संदर्भ में करीब 45,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत का विकास इंजन है. भारत हर साल साढ़े छह से साढ़े सात प्रतिशत के बीच बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है, लेकिन पूर्वोत्तर के राज्य हर साल 9.30 से 11 फीसदी के बीच बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी भी कहते हैं कि पूर्वोत्तर भारत का विकास इंजन होगा तो इसका मतलब है कि भारतीय परिदृश्य में बदलाव पहले ही हो चुका है.”