प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर शनिवार को लोकसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करना, संविधान की स्पिरिट को तहस-नहस करना ये कांग्रेस की रगों में रहा है. हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना. अटल जी ने सौदा नहीं किया. खरीद फरोक नहीं की थी. बाजार तब भी लगता था, खरीद फरोक तब भी होती थी, लेकिन उन्होंने (अटल बिहारी वाजपेयी) 13 दिन बाद इस्तीफ़ा दे दिया, क्योंकि वे संविधान और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति समर्पित थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने भी संविधान में सनशोधन किए हैं. जी हां, हमने भी किया है लेकिन संविधान के लिए, देश के लिए बदलाव किए. कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख, यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है. हमने भी संविधान संशोधन किए हैं. लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं. हमने संविधान में भी संशोधन किया, लेकिन यह देश की एकता और महिलाओं व ओबीसी को सशक्त बनाने के लिए किया.
उन्होंने कहा कि हम अपने संविधान संशोधनों को स्वीकार करते हैं, ये संशोधन सत्ता पर हमारी पकड़ बढ़ाने के लिए नहीं किए गए हैं. ‘जुमला’ कांग्रेस का पसंदीदा शब्द है, देश के इतिहास में सबसे बड़ा ‘जुमला’ ‘गरीबी हटाओ’ था जिसका इस्तेमाल उनकी चार पीढ़ियों द्वारा किया गया. क्या आपको देश में टॉयलेट बनाने की भी फुरसत नहीं मिली. आपने गरीबों को TV में देखा है. अखबार में पढ़ा है. आपको पता ही नहीं कि गरीबी होती क्या है.
जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता हैः पीएम
पीएम मोदी ने कहा, गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन 2014 देश के 50 करोड़ ऐसे नागरिक थे जिन्होंने बैंक की शक्ल नहीं देखी थी. 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोलकर के हमने बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए खोले. गरीबी हटाओ इसी कारण जुमला बनकर रह गया. गरीब को इस मुश्किल से मुक्ति मिले ये हमारा मिशन है. जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता है.