मैहर में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की मनमानी : जवाबदेही से बचने की कोशिश या कोई बड़ा खेल?

मैहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन जबाब देने के बजाय जिम्मेदार विभाग ही नियमों की धज्जियां उड़ाने में जुटा है. सूत्र बताते हैं कि यहां पेड़-पौधे लगाने और प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है. असल में जिन स्थानों पर प्रदूषण निगरानी होनी चाहिए, वहां AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) मापने वाले यंत्र लगाने के बजाय, ऐसे स्थान चुने जा रहे हैं जहां प्रदूषण का स्तर कम दिखे. इसके बाद वही आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को भेजे जा रहे हैं, जिससे कागजों में प्रदूषण नियंत्रण की झूठी तस्वीर पेश की जा सके.

Advertisement

कुर्सी पर बैठे “वैज्ञानिक” और कागजी आंकड़ों का खेल

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय सतना के कनिष्ठ वैज्ञानिक इन दिनों सुर्खियों में हैं. कहा जा रहा है कि वह कुर्सी पर बैठकर कागजों में प्रदूषण स्तर घटाने में माहिर हैं, जबकि जमीन पर हालात बिगड़ते जा रहे हैं.औद्योगिक इकाइयों से उनका “विशेष प्रेम” जगजाहिर हो चुका है. जिन फैक्ट्रियों से जहरीला धुआं निकल रहा है, जिनकी चिमनियों से जहर झड़ रहा है, उन पर कार्रवाई करने के बजाय यह विभाग उनके बचाव में लगा हुआ है. क्या यही है प्रदूषण नियंत्रण का असली चेहरा.

 

जब SDM के पत्रों को भी नजरअंदाज कर रहा विभाग, तो जवाबदेही कैसे होगी?

मैहर के सीमेंट प्लांटों में लगे AQI यंत्रों और सरकारी विभागों में भेजी जा रही रिपोर्टों को लेकर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने लगभग तीन महीने पहले एक ज्ञापन सौंपा था. SDM मैहर ने इस विषय में सतना क्षेत्रीय कार्यालय को पत्र भेजा, लेकिन विभाग ने जवाब देने की जहमत तक नहीं उठाई. यह स्थिति दर्शाती है कि या तो विभाग के पास छुपाने के लिए बहुत कुछ है या फिर वह पूरी तरह से उद्योगों के दबाव में काम कर रहा है. अब सवाल यह है कि क्या मैहर के SDM इस लापरवाही पर कार्रवाई की सिफारिश करेंगे या बस पत्राचार का खेल यूं ही चलता रहेगा? अगर एक सरकारी अधिकारी की चिट्ठी तक का जवाब नहीं दिया जाता, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?

मैहर की जनता को उठानी होगी आवाज

यह केवल सरकारी दफ्तरों का मामला नहीं है, बल्कि हर उस नागरिक का सवाल है जो मैहर में सांस ले रहा है.अगर प्रदूषण का असली डेटा छुपाया जा रहा है, तो इसका मतलब है कि हमारी सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. अगर आज हम चुप रहे, तो आने वाली पीढ़ियों को जहरीली हवा और बीमारियों का सामना करना पड़ेगा।मैहर की जनता को अब यह तय करना होगा कि वह इस भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ खड़ी होगी या कागजी घोटालों के बीच दम घोंटती रहेगी.

Advertisements