बिलासपुर। पोप फ्रांसिस के अस्पताल में भर्ती होने के बाद दुनियाभर में उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थनाएं की जा रही हैं। समुदाय से जुड़े हुए भारतमाता अंग्रेजी स्कूल के प्रिंसिपल ने अपने धर्मगुरु के प्रति सहानुभूति जताते हुए उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
उन्होंने कहा कि वे ज्यादा सीरियस नहीं हैं और जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। हालांकि, हिंदू संगठन ने सवाल उठाया कि जो लोग दूसरों को चंगाई के माध्यम से ठीक करने का दावा करते हैं, वे स्वयं अस्पताल में इलाज क्यों करा रहे हैं। उन्होंने इसे धर्मांतरण के प्रयासों से जोड़ते हुए कहा कि उनका पूरा विरोध होगा।
दूसरी ओर, बिलासपुर धर्मसेना के जिला संयोजक ने भी पोप की जल्दी ठीक होने की कामना की। मगर, यह भी कहा कि उनका इलाज अस्पताल में हो रहा है, जो इस दावे का प्रतिवाद करता है कि चंगाई सभा से सब ठीक हो सकता है।
बताते चलें कि कैथोलिक चर्च के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को हाल ही में गंभीर ब्रोंकाइटिस और श्वसन पथ संक्रमण के कारण रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह अभी भी चिकित्सकों की निगरानी में हैं। वेटिकन ने सोमवार को जानकारी दी कि उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन इलाज में बदलाव किया गया है।
पोप फ्रांसिस को पालीमाइक्रोबियल श्वसन संक्रमण से पीड़ित पाया गया है। इस स्थिति का मतलब यह है कि इसमें वायरस, बैक्टीरिया, कवक और परजीवी एक साथ संक्रमण करते हैं।
प्रार्थना के लिए कोई निर्देश नहीं
धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य लाभ के लिए चर्चों में भी किसी प्रकार की प्रार्थना सभाएं नहीं हो रहीं। जानकारी के मुताबिक पोप फ्रांसिस के लिए प्रार्थना सभा करवाने के संबंध में रोमन कैथलिक के वरिष्ठ धर्मगुरुओं का कोई निर्देश नहीं मिला है, इसलिए वैसी कोई धर्मसभा नहीं आयोजित की जा रही।