बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ओला कैब में सवार एक महिला ने ‘फेक’ ड्राइवर के साथ अपने भयावह अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया. इस हादसे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. निकिता मलिक ने X पर इस घटना की जानकारी दी और अनधिकृत ड्राइवरों ने ओला जैसी राइड-हेलिंग सेवाओं का गलत इस्तेमाल करने के खतरे को दुनिया के सामने लाई.
निकिता मलिक के मुताबिक, 8 नवंबर की रात 10:30 बजे उन्होंने एयरपोर्ट के निर्धारित पिकअप क्षेत्र से ओला कैब बुक की थी. इसके बाद एक ड्राइवर, जो ऐप से असाइन नहीं था, उनके पास आया और दावा किया कि वह उन्हें उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचा सकता है. शुरुआत में संकोच करने के बाद, उन्होंने कार में सवार होना तय किया, लेकिन कुछ ही देर में उन्हें एहसास हुआ कि ड्राइवर कुछ अजीब कर रहा है. ड्राइवर ने उनके पास से OTP मांगे बिना अपनी व्यक्तिगत मैप्स ऐप में डेस्टिनेशन डालने के लिए कहा, यह कहते हुए कि उसके आधिकारिक ऐप में कुछ तकनीकी समस्या आ गई है.
जैसे ही वे अपनी यात्रा पर आगे बढ़े, ड्राइवर ने अतिरिक्त शुल्क की मांग की, जिसे निकिता ने ठुकरा दिया. फिर उसने कहा कि निर्धारित किराए पर उसे दूसरे वाहन में ट्रांसफर किया जाएगा. यह सब महसूस करके, निकिता ने ड्राइवर से एयरपोर्ट वापस लौटने की मांग की, लेकिन उसने उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया और एक पेट्रोल स्टेशन पर अचानक रुककर ₹500 का पेट्रोल शुल्क मांगने लगा.
निकिता ने शांत रहते हुए आपातकालीन हेल्पलाइन 112 को कॉल किया और अपने परिवार के सदस्य को भी स्थिति के बारे में सूचित किया. उनके मुताबिक, पुलिस ने जल्द ही मदद पहुंचाई और उन्हें सुरक्षित बचा लिया.
यह घटना महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को उजागर करती है, खासकर रात के समय राइड-हेलिंग सेवाओं का उपयोग करते वक्त. इस घटना ने एक बार फिर राइड-हेलिंग कंपनियों से अधिक कड़ी सुरक्षा उपायों की मांग को पैदा किया.