उज्जैन में रावण दहन के विरोध में पोस्टर:ब्राह्मणों से दहन में शामिल नहीं होने की अपील; महाकाल सेना बोली- सरकार परंपरा पर रोक लगाए

दरअसल, मंगलवार को परशुराम मंदिर में अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज की बैठक हुई, जिसमें देशभर में रावण दहन का विरोध करने का फैसला लिया गया। महाकाल सेना ने खासतौर पर ब्राह्मणों से अपील की है कि वे रावण दहन जैसे आयोजनों में हिस्सा ना लें।

महाकाल सेना के संरक्षक महेश पुजारी ने कहा- इतिहास या रामायण में कहीं भी रावण दहन का उल्लेख नहीं है। यह परंपरा अब मनोरंजन और राजनीति का साधन बन चुकी है। उन्होंने कहा कि, जो वास्तव में राम की तरह हैं, वही रावण दहन करें।

रामघाट, गुदरी चौराहा और महाकाल घाटी के पास पोस्टर अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज द्वारा रामघाट, गुदरी चौराहे और महाकाल घाटी के पास ये पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में सवाल उठाया गया है कि आखिर रावण का दहन क्यों किया जाए और क्यों न इस परंपरा को बंद कर दिया जाए।

बता दें, पिछले साल भी महाकाल सेना ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर रावण दहन पर रोक लगाने की मांग की थी। दोनों संगठनों ने रावण दहन करने वाली समितियों से कई प्रश्नों का शास्त्र सम्मत उत्तर देने की मांग की है। उत्तर नहीं मिलने पर रावण दहन बंद करने की अपील की है।

पिछले साल भी उठी थी रावण दहन पर रोक की मांग उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारी और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पिछले साल भी रावण दहन पर रोक लगाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र पर कहा था कि द्वापर युग में घटित हुई घटना को लेकर आज भी रावण दहन कर लाखों ब्राह्मणों का अपमान किया जाता है। अगर पुतले दहन ही करना है तो ऐसे लोगों के करें जो मां बेटियों के साथ गलत कर उनकी हत्या कर देते हैं।

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