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गड्ढा मुक्त अभियान सिर्फ कागजों पर, हकीकत कुछ और, जनता त्रस्त

जसवन्तनगर : तहसील क्षेत्र में गड्डा मुक्त अभियान सिर्फ आदेशों पर चला है. परिणाम है कि क्षेत्र में कई सड़कों की हालत खस्ता है. समझ ही नहीं आता कि सड़क में गड्डा है या गड्डों में सड़क है. पैदल चलना भी दूभर हो गया है. आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं. उधर, सबकुछ जानने के बाद भी लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार और जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं.

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सड़कों की दशा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने गड्डा मुक्त अभियान चलाया है. लगातार मुख्यमंत्री अफसरों से कह रहे हैं कि 10 अक्टूबर तक सड़के गढ्ढा मुक्त हो जाये सरकार की ओर से लगातार इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि सड़कों को गड्डा मुक्त कर दिया जाए .लेकिन जिले के अधिकारियों की बेपरवाही का नतीजा है कि यहां अभियान पूरी तरह से धड़ाम हो गया है. अफसरों को लिंक मार्ग के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों में गड्डा नजर ही नहीं आता है.

क्षेत्र में कचौरा घाट मार्ग इटावा जिले को आगरा जिले के साथ साथ उत्तर प्रदेश को मध्यप्रदेश व राजस्थान राज्य को जोड़ने वाला ये एक प्रमुख मार्ग है जो दो जिलों के साथ तीन राज्यों को जोड़ने वाली सड़क बदहाली पर आंशू बहा रही है

इस मार्ग पर स्थित गाँव श्यामनगर में सड़क पर लगभग तीन से चार फुट गहरा गढ्ढा है. जिसमें आये दिन बाइक सवार गिर कर घायल हो चुके हैं कई बार राजस्थान और मध्यप्रदेश जाने वाले ट्रकों के पहियों के बैरिंग टूट कर फँस चुके हैं गढ्ढे में यदि पानी भर जाए तो पता नहीं चलता है कि सड़क पर गढ्ढा है या गढ्ढे में सड़क.

नेशनल हाईवे पर गड्ढे या गड्ढों पर हाईवे सड़क पर फैली गिट्टी के कारण आए दिन हो रहे हादसे

राष्ट्रीय राजमार्ग के सड़क मार्ग से अगर आप यात्रा कर रहे हैं. तो जरा सावधानी बरतें. कब कहां हाईवे रोड पर वाहन चलाते समय गड्ढा मिल जाए. आप दुर्घटना के शिकार हो जाए. बारिश के मौसम में हाईवे पर जगह-जगह बड़े–बड़े गड्ढे हो गए हैं। जो दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं. गड्ढे भी इतने गहरे और बड़े हैं कि गाड़ियों के पहिये समा जाए .हाईवे पर जगह-जगह सड़क उखड़ी पड़ी है.

उखड़ी सड़क की बजरी आपको सैकड़ों जगह पड़ी मिल जायेगी। जो दुर्घटनाओं का बहुत बड़ा कारण है। बजरी पर अक्सर कर दो पहिया वाहन अनियंत्रित होकर फिसल जाते हैं। जिससे आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं.

दुर्घटनाओं का शिकार आम नागरिक ही होता है. सबसे ज्यादा दुर्घटना मोड़ पर होती हैं. जहां वाहन चालक अचानक गड्ढे को देख कर उससे बचने के लिए तेज गति से चल रहे वाहन को मोड़ देते है। अचानक मोड़ने के कारण दुर्घटना की प्रबल संभावना बनी रहती है.

ऐसी ही राष्ट्रीय राजमार्ग की इस गंभीर समस्या की ओर किसी भी एनएचएआई के अधिकारियों का ध्यान नहीं है। जो अपनी बदहाली पर आंशू बहा रहा है तहसील मुख्यालय से फिरोजाबाद-मैनपुरी जिले को मिलाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खस्ता हो गई है कई-कई फुट लंबे व गहरे गढ्ढे हो गए हैं जिनमें पेच वर्क करके सही तक नहीं किये गए हैं ये

राजमार्ग मैनपुरी जिले के मीठेपुर से होता हुआ फिरोजाबाद जिले के कटफोरी को जोड़ता हुआ आगरा दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क की दशा खराब है. जबकि इसी राजमार्ग की सड़क मार्ग पर लखनऊ एक्सप्रेस वे के कट भी पड़ते है

जहाँ से आये दिन मरीजों को एम्बुलेंस या निजी वाहनों से सैफई मेडीकल कालेज में आना जाना लगा रहता है।या कोई बड़ी घटना होने पर आसपास के जिलों के मरीज इसी रास्ते से मेडीकल कालेज आते जाते हैं.

जबकि वाहन स्वामियों से रोड टैक्स के नाम पर सरकार टैक्स की अदायगी भी कराती है लेकिन उसके बाद भी सड़कों को गढ्ढा मुक्त नहीं करा पाती है। कभी गढ्ढ़े से तो कभी अन्ना जानवरों से जाने कितने लोग काल के गाल में समा जाते हैं

जिनकी मौत का दंश उनके परिजनों को आजन्म झेलना पड़ता है कई हादसे तो ऐसे हुए जिसमें पूरा परिवार चला गया और नोनिहालो को पालने वाला कोई नहीं रहता ऐसी हृदय विदारक घटनाओं से भी प्रशासन नहीं चेतता है.

सड़कें जर्जर होने से आवागमन में दिक्कत होती है छोटे से गढ्ढे अब विशाल रूप ले चुके है आए दिन गड्ढे में कोई न कोई गिरता है. लेकिन प्रशासन को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है.आगरा जिले को जाने वाली सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है. आए दिन बाइक व साइकिल सवार गिरकर चोटिल हो रहे हैं. बारिश के दिनों में सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा हो जाते है.

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